
पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट आ गई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री Tejashwi Yadav ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एक नया राजनीतिक शब्द गढ़ा है – “सुपर सीएम”।
बिहार में अचेतन मुख्यमंत्री एवं DK Tax के कारण प्रशासनिक अराजकता, अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, लापरवाही एवं अनियमितता का यह आलम है कि अब अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फोन तक नहीं उठाते।
जनता के नौकर ये अधिकारी इतने अहंकारी व निडर हो गए है कि माननीय विधायक, सांसद और मंत्रियों तक को प्रणाम… pic.twitter.com/M3qz0AXdta
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 16, 2025
उनका दावा है कि बिहार में असली सत्ता मुख्यमंत्री के नहीं बल्कि एक ताकतवर आईएएस अधिकारी के पास है, जिसे वह बार-बार ‘DK बॉस’ कहकर संबोधित कर रहे हैं। इस बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है और सबकी निगाहें अब इस ‘DK बॉस’ की असली पहचान पर टिक गई हैं।
Tejashwi Yadav News: कौन हैं ‘DK बॉस’?
तेजस्वी यादव ने नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके इशारे साफ तौर पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की ओर हैं, जो लंबे समय से नीतीश सरकार के बेहद करीबी माने जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, यह अधिकारी नीतीश कुमार के नीतिगत फैसलों में गहरी भूमिका निभाते हैं और कई महत्वपूर्ण विभागों के संचालन में भी उनकी अहम भूमिका रही है।
तेजस्वी का आरोप है कि यह अधिकारी सरकार के फैसलों को पर्दे के पीछे से प्रभावित करते हैं और वास्तव में वही राज्य की बागडोर संभाले हुए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार अब केवल नाम के मुख्यमंत्री हैं और ‘DK बॉस’ ही बिहार के असली शासक बन चुके हैं।
Tejashwi Yadav ने ‘जमाई आयोग’ पर भी उठाए सवाल
तेजस्वी यादव ने सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाते हुए ‘जमाई आयोग’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने दावा किया कि सरकार में उन नेताओं के दामादों को आयोगों में जगह दी गई है, जो सत्ता के करीब हैं – जैसे रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी के दामाद। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘DK बॉस’ की पत्नी को भी सरकार में एक अहम पद पर नियुक्त किया गया है।
कौन हो सकते हैं ‘DK बॉस’?
राज्य की नौकरशाही में ऐसे कई आईएएस अधिकारी हैं जो नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। इनमें से कुछ नामों में रिटायर्ड आईएएस दीपक कुमार, प्रत्यय अमृत, चंचल कुमार, संजीव हंस, कुमार रवि, चैतन्य प्रसाद, आनंद किशोर, अनुपम कुमार और एस सिद्धार्थ शामिल हैं। इन अधिकारियों में से ही किसी को ‘DK बॉस’ कहा जा रहा है – ऐसा सियासी अटकलें कह रही हैं, हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्यों है यह विवाद अहम?
बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए यह बयान बेहद अहम हो जाता है। एक ओर जहां नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन से नाता तोड़कर NDA में लौट चुके हैं, वहीं तेजस्वी यादव का यह बयान संकेत देता है कि आने वाले समय में RJD का फोकस नीतीश नहीं, बल्कि उनके नौकरशाही नेटवर्क पर रहने वाला है।
इस तरह के आरोप आम जनता के बीच यह सवाल जरूर खड़ा कर रहे हैं कि क्या बिहार की बागडोर चुने हुए नेताओं के हाथ में है या फिर ब्यूरोक्रेसी के?
Tejashwi Yadav का ‘DK बॉस’ बयान आने वाले हफ्तों में बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि खुद नीतीश कुमार या जदयू इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या ‘DK बॉस’ की पहचान उजागर होती है या यह नाम यूं ही एक राजनीतिक रहस्य बनकर रह जाएगा।