
रांची – झारखंड सरकार की बहुप्रशंसित ग्रामीण आजीविका परियोजना JOHAR (Jharkhand Opportunities for Harnessing Rural Growth) ने अपने निर्धारित कार्यकाल (मई 2017 – जून 2024) के अंत तक ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर दी है।
विश्व बैंक द्वारा 70% ऋण सहायता और झारखंड सरकार द्वारा 30% योगदान के साथ संचालित इस परियोजना ने प्रदेश की 2.25 लाख ग्रामीण महिला उत्पादक परिवारों को सशक्त बनाने में उल्लेखनीय कार्य किया।
परियोजना को राज्य ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) द्वारा क्रियान्वित किया गया। इसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, आजीविका के साधनों में विविधता और उन्हें बाजार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना रहा।
JOHAR : प्रमुख उपलब्धियां:
- 224286 परिवारों को जोड़ा गया: परियोजना के अंतर्गत कुल 3922 उत्पादक समूह (Producer Groups) बनाए गए जिनमें 2.24 लाख से अधिक परिवारों को शामिल किया गया।
- महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति पर फोकस: कुल लाभार्थियों में 70,000 महिलाएं और 1 लाख से अधिक SC/ST परिवार शामिल रहे।
- आय में 35% की वृद्धि: लक्ष्य 30% का था, लेकिन परियोजना ने इसे पार करते हुए 35% तक की औसत वार्षिक आय वृद्धि दर्ज की।
- 21 FPO की स्थापना: इन किसान उत्पादक संगठनों ने अब तक 205 करोड़ रुपये का व्यापार किया और 2 करोड़ रुपये प्रति माह का राजस्व उत्पन्न किया।
- फार्मिंग में नवाचार: 1131 सोलर लिफ्ट सिंचाई योजनाएं और 1309 मोबाइल सौर पंप सिस्टम लागू किए गए जिससे लगभग 9000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई मिली।
- मुर्गी पालन और मत्स्य पालन का विस्तार: लेयर फार्मिंग के तहत 1 लाख अंडों का प्रतिदिन उत्पादन तथा 8729 जलाशयों में मछली पालन से ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी मिली।
- NTFP (लघु वनोपज) के ज़रिए 15 करोड़ का व्यापार: लाख और लेमन ग्रास जैसी गतिविधियों से ग्रामीण महिलाओं को सीधा लाभ हुआ।
JOHAR Scheme: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
JOHAR को विश्व बैंक के दक्षिण एशिया उपाध्यक्ष पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र की संस्था FAO ने इस परियोजना पर डॉक्युमेंट्री बनाई है, जो छह आधिकारिक भाषाओं में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की जा रही है।
‘लाइटहाउस प्रोजेक्ट’ के रूप में मान्यता
वित्त मंत्रालय के त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक में इसे ‘लाइटहाउस प्रोजेक्ट’ घोषित किया गया। विश्व बैंक ने भी इसके प्रदर्शन को ‘संतोषजनक’ श्रेणी में स्थान दिया है।
निष्कर्षतः, JOHAR परियोजना झारखंड के ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल बनकर उभरी है। इसके सकारात्मक परिणाम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। यह परियोजना दर्शाती है कि यदि योजना, प्रतिबद्धता और समुदाय का सही समन्वय हो, तो परिवर्तन संभव है।
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