
रांची/पटना: बिहार की राजनीति में एक और अहम मोड़ आ गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने संकेत दिया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में INDIA गठबंधन से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतरेगी।
Press Conference : 16-06-25@JmmJharkhand pic.twitter.com/UJ7HYULxuv
— Supriyo Bhattacharya (@Supriyo__JMM) June 16, 2025
झामुमो के इस फैसले से विपक्षी एकता पर सवाल उठने लगे हैं, खासकर जब यह फैसला उस वक्त आया है जब कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) बिहार में सीट बंटवारे को लेकर बैठकें कर रही हैं।
हम जबरदस्ती घुसने नहीं जा रहे: JMM
सोमवार को रांची स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए JMM के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी को INDIA गठबंधन की बिहार संबंधी बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया,
“अगर वे हमें नहीं बुला रहे हैं तो हम जबरदस्ती घुसने भी नहीं जा रहे। हमारी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान है और बिहार में हमारी मजबूत उपस्थिति है।”
RJD और कांग्रेस पर तीखा हमला
भट्टाचार्य ने RJD और कांग्रेस को “गठबंधन धर्म” की याद दिलाई और कहा कि झारखंड में JMM ने गठबंधन का पूरी तरह से पालन किया था। उन्होंने उदाहरण दिया कि 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में RJD को केवल एक सीट मिली थी, फिर भी JMM ने उनके एकमात्र विधायक को पूरे पांच साल तक मंत्री पद पर बनाए रखा।
“हमने उन्हें पूरा सम्मान दिया, लेकिन अब वही सम्मान हमें बिहार में नहीं मिल रहा,” – उन्होंने कहा।
बिहार में 12 सीटों पर फोकस: JMM
झामुमो ने इस बार बिहार की उन 12 विधानसभा सीटों पर फोकस किया है, जो झारखंड से सटी हुई हैं और जहां पार्टी की मजबूत पकड़ है। इनमें चकाई, तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, और पीरपैंती जैसी सीटें शामिल हैं।
संगठन विस्तार का संकल्प
झामुमो के हालिया महाधिवेशन में यह तय किया गया कि पार्टी बिहार, ओडिशा और देश के अन्य राज्यों में भी अपने संगठन का विस्तार करेगी। इसी क्रम में बिहार विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र रूप से उतरना इस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
क्या बिखर जाएगी विपक्षी एकता?
JMM का यह रुख INDIA गठबंधन के लिए एक चेतावनी भी है कि छोटे लेकिन क्षेत्रीय रूप से प्रभावशाली दलों की अनदेखी विपक्ष की एकता को नुकसान पहुंचा सकती है। झामुमो का यह कदम न केवल गठबंधन की आंतरिक चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि आगामी बिहार चुनाव में समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
झारखंड में मजबूत पकड़ रखने वाला JMM अब बिहार में अपनी राजनीतिक ताकत आजमाने को तैयार है। गठबंधन से दूरी और अपने दम पर लड़ने का फैसला पार्टी की आत्मनिर्भरता का संकेत है, लेकिन यह INDIA गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका भी साबित हो सकता है।
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