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Dulu Mahato की प्रस्तावित सभा से पहले मैदान में गिरे पत्थर; मची भगदड़

धनबाद/जयरामपुर: Dulu Mahato: धनबाद के जयरामपुर मोदीभिट्ठा बस्ती में सोमवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब सुशी आउटसोर्सिंग परियोजना में हुई हेवी ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर उड़कर सभा स्थल के पास मैदान में गिर पड़े।

नागरिक एकता मंच द्वारा आयोजित यह सभा धनबाद सांसद ढुलू महतो को संबोधित करनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर सभा रद्द हो गई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सांसद सभा स्थल पर पहुंच गए होते, तो स्थिति बेकाबू हो सकती थी।

क्या हुआ घटना के दौरान?

नागरिक एकता मंच की ओर से सुशी आउटसोर्सिंग परियोजना द्वारा मुख्य सड़क काटे जाने के विरोध में यह नुक्कड़ सभा आयोजित की गई थी। दोपहर में जब सभा स्थल पर लोगों की भीड़ जुट रही थी, तभी पास ही चल रही परियोजना में ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर उड़कर सभा स्थल के निकट गिरने लगे।

इससे घबराए लोगों में भगदड़ मच गई और नाराज ग्रामीणों ने एकजुट होकर परियोजना स्थल पर पहुंचकर काम बंद करा दिया।

Dulu Mahato के समर्थकों से भिड़ंत और थाने में शिकायत

कुछ ही देर बाद परियोजना समर्थकों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को खदेड़ दिया और दोबारा काम शुरू करवा दिया। इस टकराव के दौरान गाली-गलौज और मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं।

अलकडीहा ओपी में एक महिला और एक युवती ने परियोजना समर्थक हेमंत पासवान और अन्य के खिलाफ मारपीट और दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

अलकडीहा ओपी प्रभारी ए. रौशन ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मंगलवार को परियोजना प्रबंधन से बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा।

सभा क्यों थी महत्वपूर्ण?

धनबाद के सांसद ढुलू महतो इस सभा में आने वाले थे और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनने वाले थे।
हालांकि, किसी कारणवश सभा रद्द हो गई, जिससे एक बड़ा टकराव टल गया।
नागरिक एकता मंच के नागेश्वर पासवान, बिहारीलाल चौहान, राजा राम भुइयां, नंदलाल पासवान, सुधीर पासवान, शरीफ कुरैशी और बबलू यादव इस सभा में उपस्थित थे।

धनबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग परियोजनाओं से जुड़ी समस्याएं लगातार गहराती जा रही हैं। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और ग्रामीणों की अनसुनी समस्याएं विरोध और टकराव को जन्म दे रही हैं। प्रशासन को इस दिशा में त्वरित और संवेदनशील हस्तक्षेप की ज़रूरत है।

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