Jharkhand में स्वयं सहायता समूहों को 2019 दिसंबर से अब तक कुल 13,659 करोड़ के क्रेडिट लिंकेज की सहायता

Jharkhand News: ग्रामीण महिलाओं के उत्थान और उनके आर्थिक स्वावलंबन के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा समूह के क्रेडिट लिंकेज कार्य को गति दी गई है।

अब तक 2.91 लाख समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें वर्ष 2019 से अब तक 53,293 से ज्यादा समूह बने है एवं क्रेडिट लिंकेज में 14,204 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो वर्ष 2019 दिसंबर से पूर्व 545.30 करोड़ रुपये था। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को गति देने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बैंकों के साथ क्रेडिट लिंकेज सुनिश्चित कराने की पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक हो रही है।

इसके तहत एसएचजी सदस्यों को सरल शर्तों पर ऋण सुविधाएं प्रदान की गईं, और उनकी आजीविका गतिविधियों को मजबूती मिली।

Jharkhand News: बोकारो के चन्द्रपुरा प्रखंड की प्रेमलता देवी को मिला क्रेडिट लिंकेज का सहारा

प्रेमलता देवी जीवन ज्योति आजीविका सखी मंडल से जुड़कर आज अपने परिवार का भविष्य संवार रही है। पति के असमय मृत्यु से प्रेमलता पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा था। पति के जाने के दुःख के साथ ही परिवार और बच्चो की जिम्मेदारी भी उनपर आ गयी। ऐसे मुश्किल समय में समूह का साथ मिला । प्रेमलता ने पचास हज़ार रूपए क्रेडिट लिंकेज (सीसीएल) के तहत ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीद सिलाई का कार्य शुरू किया।

मेहनत और अच्छे काम से प्रेमलता की आमदनी बढ़ने लगी और उन्होंने पुराने ऋण चुकाने के बाद सिलाई केंद्र खोलने के लिए ग्राम संगठन से तीस हज़ार रूपए ऋण लिया और काम को आगे बढाया । प्रेमलता कहती है, परिवार के भरण पोषण के बारे में सोचकर काफी चिंतित रहती थी ,लेकिन समूह की महिलाओं के हौंसले से मुझे हिम्मत मिली और आज सिलाई कार्य से प्रति माह करीब दस हज़ार आमदनी कर परिवार चला रही हूँ।

Jharkhand News: जामताड़ा की किरण झा क्रेडिट लिंकेज के जरिए बनी सफल उद्यमी

नाला प्रखंड की किरण झा राधा कृष्ण आजीविका सखी मंडल से जुड़ी हुई है उन्होंने समूह के जरिए पहले आरसेटी (RSETI) से आचार, पापड़ बनाने का प्रशिक्षण लिया और कैश क्रेडिट लिंकेज के तहत 50,000 रु ऋण से व्यवसाय शुरू किया। आज, वह सालाना 1.2 लाख रु कमाती हैं और अन्य महिलाओं को भी जोड़ चुकी हैं। डीडीयूजीकेवाई से बेटे की ट्रेनिंग के बाद उसकी आय 3.6 लाख रु सालाना है। उनका परिवार अब खुशहाल है।

Jharkhand News: आजीविका से जोड़ने का क्रम जारी

ग्रामीण महिलाएं और अर्थव्यवस्था सशक्त हो, इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए राज्य के 32 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है। कृषि,पशुपालन, वनोपज, अंडा उत्पादन, जैविक खेती आधारित आजीविका से ग्रामीण परिवारों को आच्छादित किया जा रहा है।

वनोत्पाद से मिल रहा लाभ

राज्य संपोषित झारखंड माइक्रोड्रिप इरिगेशन परियोजना के तहत करीब 31,861 किसानों को टपक सिंचाई तकनीक से जोड़ कर उन्नत खेती की जा रही है।

तकनीक में निपुण हो रहीं महिलाएं

राज्य में बैंकिग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी, पशु सखी, कृषि सखी, वनोपज मित्र, आजीविका रेशम मित्र, सीआरपी समेत, करीब 85,000 सामुदायिक कैडर को प्रशिक्षित कर परियोजना के क्रियान्वयन एवं विस्तारण में लगाया है। आधुनिक संचार तकनीक से इन महिलाओं को लैस किया गया है।

 

 

 

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