नेमरा की धरती आज एक बार फिर भावुक हो उठी, जब लाखों की संख्या में लोग अपने ‘महानायक’ स्मृति शेष दिशोम गुरु Shibu Soren जी के संस्कार भोज में शामिल हुए।
देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्य के कोने-कोने से आज नेमरा की क्रांतिकारी भूमि पर आया विशाल जनसमूह अत्यंत भावुक करने वाला है। बाबा दिशोम गुरुजी के प्रति आप सभी के इस स्नेह, सम्मान और समर्पण के लिए मैं अनेक-अनेक धन्यवाद देता हूँ, आभार और जोहार करता हूँ।
झारखण्ड के करोड़ों लोगों… pic.twitter.com/U6zSA6EjFt
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 16, 2025
सभी ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और उनके अद्वितीय योगदान को याद किया।
Shibu Soren News: मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया आभार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संस्कार भोज में शामिल होने के लिए राज्य के कोने-कोने से आए लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बाबा के जीवन संघर्ष के दौरान राज्यवासियों से जो संबल मिला, उसे वह कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरुजी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी अंत्येष्टि से लेकर संस्कार भोज तक लोगों का साथ यह बताता है कि उनका “बाबा” से कितना गहरा लगाव था। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिबू सोरेन इस राज्य के लिए हमेशा एक मार्गदर्शक और पथ प्रदर्शक के रूप में याद किए जाएंगे।
Shibu Soren: विशिष्ट अतिथियों ने दी श्रद्धांजलि
दिशोम गुरुजी के संस्कार भोज में झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी सहित कई मंत्री, सांसद और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनके परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की।
Paid tributes to “Dishom Guruji” Sibhu Soren ji and personally conveyed my condolences to the bereaved family members at their residence today on behalf of @INCIndia
Soren ji’s everlasting legacy, his values and ideals will continue to inspire us to fight the battles ahead.… pic.twitter.com/Bpe14bJVlz
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) August 16, 2025
Shibu Soren: संघर्ष और त्याग की मिसाल
इस अवसर पर, लोग शिबू सोरेन के संघर्ष और त्याग को याद करते रहे। उनका कहना था कि उनका जीवन संघर्षों से भरा था और उन्होंने संघर्ष को ही अपना हथियार बनाया। उन्हें आदिवासी चेतना का वाहक और झारखंड आंदोलन का अग्रदूत बताया गया। लोगों ने कहा कि वे हमेशा उनके दिलों में रहेंगे और उनके आदर्शों पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पुख्ता प्रशासनिक व्यवस्था
संस्कार भोज में मुकम्मल प्रशासनिक व्यवस्था देखने को मिली। योजनाबद्ध तरीके से की गई व्यवस्थाओं से भीड़ को नियंत्रित किया गया और आगंतुकों को कोई असुविधा नहीं हुई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और वाहनों की पार्किंग के लिए भी विशेष व्यवस्था थी। मुख्यमंत्री स्वयं सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे।
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