Jharkhand Vidhan Sabha: शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; हंगामे के बीच 7721 करोड़ का बजट पास, राजभवन का नाम बदलने का प्रस्ताव
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Jharkhand Vidhan Sabha: शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; हंगामे के बीच 7721 करोड़ का बजट पास, राजभवन का नाम बदलने का प्रस्ताव
रांची: Jharkhand Vidhan Sabha का शीतकालीन सत्र गुरुवार (11 दिसंबर) को हंगामे और शोर-शराबे के बीच संपन्न हो गया। स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने पांच दिनों तक चले इस सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (Sine Die) कर दिया। सत्र के आखिरी दिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली लेकिन इस दौरान सरकार ने द्वितीय अनुपूरक बजट समेत कई अहम विधायी कार्य पूरे कर लिए।
Jharkhand Vidhan Sabha: शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; हंगामे के बीच 7721 करोड़ का बजट पास, राजभवन का नाम बदलने का प्रस्ताव
7,721 करोड़ का बजट ध्वनिमत से पारित
सत्र के अंतिम दिन वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा पेश किया गया वित्तीय वर्ष 2025-26 का 7,721.25 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया।
बजट पास होते समय भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र राज्य के हिस्से का पैसा रोक कर बैठा है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
‘राजभवन’ का नाम बदलने का प्रस्ताव
सदन में एक बड़ा सियासी दांव खेलते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने ‘राजभवन’ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा।
प्रस्ताव के मुताबिक रांची स्थित राजभवन का नाम बदलकर ‘बिरसा भवन’ और दुमका स्थित राजभवन का नाम ‘सिदो-कान्हू भवन’ करने की बात कही गई है।
मंत्री ने तर्क दिया कि राजभवन राज्य सरकार की संपत्ति है और औपनिवेशिक काल के प्रतीकों को खत्म कर इसे झारखंड के महापुरूषों के नाम पर होना चाहिए।
ऑडियो क्लिप और भ्रष्टाचार पर बवाल
सदन की कार्यवाही के दौरान एक कथित ‘वायरल ऑडियो क्लिप’ को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ।
विपक्ष ने कांग्रेस विधायक ममता देवी और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से जुड़े एक कथित ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
आजसू विधायक निर्मल महतो ने विधानसभा परिसर में धरने पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि “बिना पैसे के मंत्रियों के यहां काम नहीं हो रहा है।” हालांकि ममता देवी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
5 दिनों तक चला सत्र
5 दिसंबर से शुरू हुए इस शीतकालीन सत्र में कुल 5 कार्यदिवस रहे। इस दौरान शोक प्रस्ताव, प्रश्नकाल और बजट पर चर्चा हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कई बार कार्यवाही बाधित भी हुई।