Bihar: नई सत्ता, नई सरगर्मी, AIMIM विधायकों की बिन तय कार्यक्रम मुलाकात ने बढ़ाई चर्चा

Bihar: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। बुधवार को अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के तीन विधायकों ने अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। यह मुलाकात न केवल अप्रत्याशित थी बल्कि इसने सर्द मौसम के बीच सियासत का तापमान भी एकाएक बढ़ा दिया।

जानकारी के अनुसार इस बैठक को पहले से तय नहीं किया गया था, लेकिन विधायकों का कहना है कि सीमांचल के मुद्दों को सीधे मुख्यमंत्री के सामने रखने की जरूरत महसूस हुई।

Bihar: नई सत्ता, नई सरगर्मी, AIMIM विधायकों की बिन तय कार्यक्रम मुलाकात ने बढ़ाई चर्चा

सीमांचल की उपेक्षा पर चिंता, विकास की मांग पर जोर

मुलाकात के दौरान एआईएमआईएम विधायकों ने सीमांचल क्षेत्र की समस्याओं पर खास तौर पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जैसे जिलों में अब भी स्वास्थ्य सेवाएँ कमजोर हैं शिक्षा व्यवस्था पिछड़ी हुई है और सड़क–बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार की आवश्यकता है।

विधायकों ने मांग रखी कि नई सरकार सीमांचल को केवल राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि विकास के नजरिये से भी प्राथमिकता दे। उन्होंने क्षेत्र में लगातार होने वाली बाढ़, पलायन और रोजगार संकट का समाधान निकालने के लिए विशेष पैकेज की मांग भी की।

 

मुलाकात के राजनीतिक मायने: गठबंधन समीकरणों पर नई अटकलें

नीतीश कुमार और एआईएमआईएम विधायकों की यह मुलाकात इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि अभी हाल ही में गठित नई सरकार अपनी स्थिरता और सामंजस्य को लेकर कई सवालों का सामना कर रही है। ऐसे में AIMIM विधायकों की यह पहल सियासी समीकरणों को नए सिरे से देखने की दिशा में एक संकेत मानी जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एआईएमआईएम का सीमांचल में अच्छा जनाधार है और वहां के मतदाता विकास व प्रतिनिधित्व को लेकर संवेदनशील रहते हैं। ऐसे में इस मुलाकात को संभावित राजनीतिक सहयोग या समर्थन की दिशा में एक शुरुआती कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है हालांकि दोनों पक्षों ने इसे विकास केंद्रित मुलाकात ही बताया है।

 

सरकार का रुख सकारात्मक, CM ने दिए समाधान के संकेत

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने AIMIM विधायकों की बातों को गंभीरता से सुना और सीमांचल के लिए विशेष विकास योजनाओं पर विचार का भरोसा भी दिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार का उद्देश्य हर क्षेत्र में समान रूप से विकास को आगे बढ़ाना है और सीमांचल इसमें प्राथमिकता में रहेगा।

सीएम के इस रुख से संकेत मिलता है कि सरकार अब सीमांचल के मुद्दों पर ज्यादा फोकस कर सकती है खासकर ऐसे समय में जब राजनीतिक धरातल पर समर्थन की आवश्यकता और भी अधिक महसूस की जा रही है।

 

ठंड में भी तप रहा बिहार का राजनीतिक मौसम

एआईएमआईएम विधायकों और मुख्यमंत्री के बीच हुई यह मुलाकात भले ही विकास मुद्दों पर आधारित बताई गई हो लेकिन इसने बिहार की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा कर दी है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि इस मुलाकात का असर केवल विकास योजनाओं तक सीमित रहेगा या फिर यह राज्य के राजनीतिक समीकरणों में कोई नया मोड़ लाएगा।

 

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