Bihar: बिहार सरकार राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र की CISF की तर्ज पर बिहार में एक नई सुरक्षा इकाई BISF- Bihar Industrial Security Force के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। इसकी आधिकारिक जानकारी बिहार के उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने दी है।
Bihar: सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव, उद्योग क्षेत्रों में सुरक्षा का नया मॉडल तैयार
उद्योग मंत्री ने बताया कि बहुत जल्द BISF के गठन का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव में फोर्स की संरचना, जनशक्ति, प्रशिक्षण मॉडल, तैनाती और कार्यक्षेत्र से जुड़ी विस्तृत रूपरेखा शामिल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से बढ़ रहे औद्योगिक निवेश और बड़े प्रोजेक्ट्स को सुरक्षा देने के लिए एक विशेषीकृत सुरक्षा बल की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। BISF इस कमी को पूरा करेगा और उद्योगों में सुरक्षा का राष्ट्रीय स्तर का मॉडल स्थापित करेगा।
BISF की तर्ज: आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षित जवान और प्रोफेशनल सिक्योरिटी सिस्टम
CISF की तरह BISF के जवान आधुनिक सुरक्षा तकनीक में प्रशिक्षित होंगे। उन्हें
- औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा,
- संवेदनशील सामग्रियों की निगरानी,
- इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस,
- आपातकालीन प्रतिक्रिया (Emergency Response)
- और आपदा प्रबंधन
जैसे क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि फोर्स को अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक से लैस किया जाएगा, ताकि वह किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में उभरने वाली सुरक्षा चुनौतियों का सक्षम तरीके से सामना कर सके।
निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, बड़े उद्योगों को मिल सकेगी बेहतर सुरक्षा
BISF के गठन से राज्य में निवेशकों का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। कई बड़े उद्योगों, स्टार्टअप्स और औद्योगिक इकाइयों ने सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं पहले भी जताई थीं। नई फोर्स से
- उद्योगों को हाई-लेवल सुरक्षा मिलेगी
- औद्योगिक चोरी और तोड़फोड़ की घटनाओं में कमी आएगी
- और बड़े निवेश प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित माहौल सुनिश्चित होगा।
इससे राज्य में औद्योगिकीकरण को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
सीएम की मंजूरी के बाद BISF बनेगा, अगले वर्ष से तैनाती शुरू होने की संभावना
अधिकारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री स्तर से मंजूरी मिलते ही BISF के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया, जवानों का प्रशिक्षण और औद्योगिक क्षेत्रों में उनकी चरणबद्ध तैनाती का रोडमैप तैयार होगा। संभावना है कि प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर अगले वर्ष से इस नई फोर्स की तैनाती शुरू हो सकती है।
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