Jharkhand News: लैंगिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाने में मीडिया की भूमिका अति महत्वपूर्ण

Ranchi News:  झारखंड में बच्चों की सुरक्षा, उनकी शिक्षा और उनके अधिकारों को लेकर सरकार द्वारा कई कानून बनाए गये है। लेकिन, समाज में मौजूद कुरीतियाँ तथा लैंगिक असमानता के कारण बच्चों और युवाओं तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है।

Jharkhand News: मीडिया लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है

हमें संवेदनशील होकर अपने आसपास हो रहे ऐसे कुकृत्यों के खिलाफ आवाज उठानी होगी और इस कार्य में हमें मीडिया के सहयोग की आवश्यकता है। मीडिया लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है। मीडिया समाज में लैंगिक असमानता के खिलाफ आवाज उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है।

उक्त बातें चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी, झारखंड के अवर सचिव श्री अर्सद जमाल ने सूचना भवन सभागार में Gender Responsive Prevention and Respond to Child Protection विषय पर आयोजित सेमिनार में मीडिया को संबोधित करने के दौरान कहीं।
बता दें कि चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी, झारखंड और टेरेस देस होम्स एवं जयप्रकाश इंस्टीटयूट ऑफ सोशल चेंज(JPISC),कोलकाता के सौजन्य से सेमिनार का आयोजन सूचना भवन सभागार में किया गया।

Jharkhand News: मीडिया का फर्ज है कि ऐसी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करें

सीडब्यूसी के अध्यक्ष श्री अजय साव ने कहा कि हमारे आस पास रोजाना कुछ-न-कुछ बाल श्रम से जुड़ी घटनाएं घटित हो रही हैं। मीडिया का फर्ज है कि ऐसी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करें, ताकि बच्चे को न्याय मिले और दोषी को सजा। बाल विवाह के खिलाफ भी जागरूकता लाने में मीडिया हमारा और सरकार का सहयोग कर सकती हैं, जिससे बाल श्रम, बाल विवाह और बाल तस्करी जैसी घटनाओं में कमी आए।

Jharkhand News: मीडिया को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी लानी होगी

वहीं डीसीपीओ,रांची श्री वेद प्रकाश ने कहा कि बाल श्रम, बाल विवाह और बाल तस्करी जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण गरीबी भी है। जिसके कारण माता-पिता बच्चों से मजदूरी कराने को विवश होते हैं। उन तक मीडिया को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी लानी होगी, तभी अभिभावक बाल विवाह और बाल श्रम से आगे बढ़ कर अपने बच्चों में शिक्षा की अलख जगा सकेंगे।

सेमिनार में जयप्रकाश इंस्टीटयूट ऑफ सोशल चेंज(JPISC), कोलकाता के कार्यपालक निदेशक श्री जयदेव मजुमदार ने झारखंड के परिप्रेक्ष्य में Gender Responsive Prevention and Respond to Child Protection पर आंकड़े और चुनौतियों पर पीपीटी के माध्यम से जानकारियां साझा की।

वहीं संकल्प एनजीओ के प्रोगाम पदाधिकारी श्री शोविक बसु, टेरेस देस होम्स के प्रोगाम पदाधिकारी श्री जयदीप सेन गुप्ता, बाल कल्याण समिति, रांची के सदस्य श्री विनय कुमार और चाइल्ड एक्टिविस्ट सुश्री मनोरमा एक्का ने भी लैंगिक असमानता के संदर्भ में अपने विचार रखे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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