Mahakumbh जाने वाले यात्रियों का पटना जंक्शन पर हंगामा

Patna: सोमवार को पटना जंक्शन पर Mahakumbh जाने वाले श्रद्धालुओं ने सपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस पर ऐसा कब्जा जमाया कि टिकट लेकर यात्रा करने वाले कई यात्री स्टेशन पर ही रह गए। यह घटना रेलवे प्रशासन और यात्रियों के लिए असुविधा और नाराजगी का कारण बनी।

Mahakumbh: गेट बंद होने से यात्रियों की परेशानी

घटना के दौरान, ट्रेन की कई बोगियों के दरवाजे अंदर से बंद कर दिए गए थे, जिससे टिकटधारी यात्री ट्रेन में चढ़ ही नहीं पाए। जो यात्री महाकुंभ के लिए बिना आरक्षण यात्रा कर रहे थे, उन्होंने ट्रेन के हर कोने पर कब्जा जमा लिया। सीटों पर बैठने के साथ-साथ लोगों ने ट्रेन के दरवाजों और गलियारों में भी जगह घेर ली। नतीजतन, जो यात्री पटना जंक्शन से ट्रेन पकड़ने आए थे, वे प्लेटफॉर्म पर ही छूट गए।

Mahakumbh की भारी भीड़ का असर

महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसके कारण रेलवे पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ट्रेन में जगह की कमी और अधिक भीड़ के कारण ऐसी घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं। हालांकि रेलवे प्रशासन विशेष ट्रेनों का संचालन करता है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है।

यात्रियों की नाराजगी

पटना जंक्शन पर छूटे हुए यात्रियों ने रेलवे प्रशासन पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि टिकट होने के बावजूद उन्हें ट्रेन में चढ़ने का मौका नहीं मिला। कुछ यात्रियों ने शिकायत की कि रेलवे को भीड़ का पूर्वानुमान लगाकर उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। वहीं, ट्रेन में सवार बिना टिकट यात्री अनुशासनहीनता की सभी हदें पार कर रहे थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

Mahakumbh News: रेलवे प्रशासन की चुप्पी

घटना के बाद रेलवे प्रशासन से स्थिति पर कड़ा कदम उठाने की मांग की गई है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ का प्रबंधन करना आसान नहीं है। रेलवे ने यात्रियों को पहले से सलाह दी थी कि वे आरक्षित टिकट लेकर यात्रा करें, लेकिन फिर भी कई यात्री अनियमित तरीके से सफर करते नजर आए।

समाधान की आवश्यकता

इस घटना ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था करना और स्टेशनों पर सख्त सुरक्षा लागू करना आवश्यक है। इसके अलावा, टिकटधारी यात्रियों के लिए विशेष कोचों का प्रबंध और गैर-आरक्षित यात्रियों के लिए अलग ट्रेन चलाने की योजना बनाई जा सकती है।

महाकुंभ जैसे आयोजनों में भारी भीड़ और असुविधाओं से बचने के लिए रेलवे और यात्रियों दोनों को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। टिकटधारी यात्रियों का ट्रेन में चढ़ना सुनिश्चित करना और अनियमित यात्रियों पर कार्रवाई करना रेलवे की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे आयोजनों में सुव्यवस्थित प्रबंधन से ही यात्रियों की समस्याओं का समाधान संभव है।

 

 

 

 

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