
पटना | Pappu Yadav: बिहार में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच महागठबंधन (INDIA गठबंधन) में आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आने लगी है।
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गठबंधन के को-ऑर्डिनेशन कमेटी चेयरमैन तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा –
“हेडमास्टर मत बनिए। कांग्रेस में कौन चुनाव लड़ेगा, यह पार्टी के प्रभारी और शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे।”
Pappu Yadav: गठबंधन में घमासान
तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम चेहरा घोषित किए जाने के बाद से ही घटक दलों में असहमति के सुर उभरने लगे हैं। अब उम्मीदवार चयन को लेकर भी बयानबाजी तेज़ हो गई है। पप्पू यादव का यह बयान तेजस्वी के नेतृत्व पर खुली चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा,
“हर दल को अपने उम्मीदवार तय करने का अधिकार है। कांग्रेस के माई-बाप राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे हैं। उम्मीदवारों का फैसला वे करेंगे, न कि कोई और। आप अपने दल को देखिए, कांग्रेस को नहीं चलाइए।”
Pappu Yadav News: झामुमो पहले ही जता चुका है नाराज़गी
12 जून को तेजस्वी यादव के पटना आवास पर महागठबंधन की बैठक हुई थी, जिसमें यह तय हुआ कि सभी दल अगली बैठक में अपने-अपने संभावित प्रत्याशियों की सूची सौंपेंगे। लेकिन इस बैठक को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने दावा किया कि उसे बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे उसका विरोध दर्ज हुआ।
अब पप्पू यादव का यह बयान गठबंधन में और दरार डालता नज़र आ रहा है।
Pappu Yadav: चुनावी रणनीति पर उठ रहे सवाल
कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पहले ही साफ कर चुके हैं कि तेजस्वी यादव केवल समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं और सीएम फेस को लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में पप्पू यादव का बयान कांग्रेस की इसी लाइन को दोहराता है।
विपक्ष के लिए मौका
पप्पू यादव की नाराज़गी और गठबंधन में बढ़ती दरारें एडीए (NDA) को विपक्ष पर हमला करने का मौका दे सकती हैं। बीजेपी पहले से ही महागठबंधन पर ‘नेतृत्वहीनता’ और ‘अंदरूनी संघर्ष’ के आरोप लगाती रही है। अब ये बयानबाजी बीजेपी के लिए चुनावी हथियार बन सकती है।
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