Mainhart Scam: सरयू राय पहुंचे झारखंड हाईकोर्ट, जाने क्या है मामला?

Ranchi: चर्चित मेनहर्ट घोटाले (Mainhart scam) की जांच के लिए निर्दलीय विधायक सरयू राय (Saryu Rai) झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) का दरवाजा खटखटाया है. सरयू राय ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर घरपुरे प्रकरण की जांच करने की गुहार लगाई है. दायर याचिका में झारखंड सरकार और एसीबी को पार्टी बनाया गया है.

Mainhart Scam: 2 महीने में कार्रवाई का आश्वासन मिला था विधानसभा से

सरयू राय ने कहा कि मेनहर्ट घोटाले की जांच में आरोप सिद्ध हो जाने के पश्चात भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. कार्रवाई की दिशा में सरकार आगे नहीं बढ़ रही है. इस प्रकरण में आरोपियों द्वारा जवाबी बयान आने के पश्चात भी सरकार आगे की कार्रवाई नहीं कर पा रही है. सरयू राय ने कहा कि अब इस मामले में न्यायालय के आदेश का इंतजार रहेगा. इस मामले को सरयू राय ने विधानसभा में भी उठाया था. अथवा 2 महीने में कार्रवाई होगी यह आश्वासन अन्य विधानसभा से मिला था.

Jharkahnd Vidhan Sabha

Mainhart Scam: विधानसभा में आश्वासन के पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं हुई

मंत्री ने सदन में बताया था कि आरोपी पक्ष का बयान लिया गया. प्रक्रिया के अनुरूप इस मामले में कार्रवाई होगी, परंतु विधानसभा में आश्वासन के पश्चात भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. सदन में सरकार द्वारा रखे गए एटीआर में कहा गया है की मेनहर्ट के चयन में कैबिनेट की स्वीकृति ली गई थी. अथवा जिस विषय पर कैबिनेट की स्वीकृति हो, उसकी जांच की जा सकती है या नहीं.

मेनहर्ट मामले की विधि परामर्श आने के पश्चात ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. सरयू राय ने कहा कि झारखंड सरकार सदन में कुछ कह रही है एटीआर में कुछ और बातें आ रही है. मेनहर्ट मामले की सच्चाई सबके समक्ष है. अथवा मेनहर्ट के चयन में बहुत ज्यादा ही वित्तीय अनियमितता बरती गई है.

21 करोड़ खर्च करने के पश्चात योजना धरातल पर नहीं उत्तरी

यह बात नोट करने वाली है कि साल 2003 में हाईकोर्ट के आदेश के पश्चात रांची में सीवरेज ड्रेनेज तैयार करने के लिए परामर्शी तय करने के लिए टेंडर हुआ था. 2005 में परामर्शी बदल दिया गया. विधायक सरयू राय का आरोप है कि ₹210000000 खर्च करने के पश्चात भी काम धरातल पर नहीं उतरा. सरयू राय ने कहा कि इस प्रकरण को कई स्तर पर उठाया गया. पूरे मामले की जानकारी सीएम हेमंत सोरेन को भी दी गई थी.

आरोपी पक्ष को मेनहर्ट घोटाले की जांच कर रही एसीबी ने 2021 में नोटिस भेजा था. सदन में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा था कि एसीबी कार्यालय पहुंचकर नोटिस का जवाब देना है. कुछ आरोपियों ने इसमें एसीबी से संबंधित डाक्यूमेंट्स दिखाने को कहा था.

 

 

 

 

 

 

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