
रांची: राजधानी रांची के हरमू स्थित आजसू पार्टी केंद्रीय कार्यालय में सोमवार को पार्टी के पूर्व विधायक लंबोदर महतो और वरिष्ठ नेता प्रवीण प्रभाकर ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
नेताओं ने वर्तमान झारखंड सरकार को ओबीसी विरोधी करार देते हुए कहा कि राज्य में पिछड़ी जातियों के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है।
झारखंड में 55% ओबीसी आबादी, फिर भी वंचित: Lambodar Mahto
पूर्व विधायक लंबोदर महतो ने बताया कि झारखंड में लगभग 55% आबादी पिछड़ी जातियों की है, इसके बावजूद उन्हें उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि चुनाव ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के बाद ही कराए जाएंगे, लेकिन तीन वर्षों में भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। नतीजतन ओबीसी समुदाय को चुनावों में आरक्षण नहीं मिल सका।
एनडीए सरकार ने दिया था आरक्षण, वर्तमान सरकार कर रही है बाधा: Lambodar Mahto
महतो ने कहा कि एनडीए शासनकाल में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी को कुल 73% आरक्षण देने के लिए कानून पारित किया था, जिसका समर्थन आजसू सहित सभी घटक दलों ने किया था। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार की नीयत और नीति में खोट है, जिसके चलते ओबीसी को 27% आरक्षण देने संबंधी विधेयक को संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल करने की प्रक्रिया अधर में लटक गई है।
सरकार विधेयक पारित कर केंद्र को भेजे: Lambodar Mahto
पूर्व विधायक ने सुझाव दिया कि झारखंड सरकार को पहले विधानसभा में विधेयक पारित करना चाहिए और उसके बाद उसे केंद्र सरकार को भेजना चाहिए ताकि उसे संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल कर कानूनी संरक्षण मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार केवल प्रक्रिया के नाम पर पिछड़ों को गुमराह कर रही है।
आंदोलन की चेतावनी
आजसू नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार नहीं दिया गया, तो पार्टी सड़क पर उतरकर जन आंदोलन करेगी और सरकार के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
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