
Jharkhand Al-Qaeda: शुक्रवार को झारखंड के लोहरदगा में दिल्ली पुलिस और एटीएस ने संयुक्त छापेमारी कर अलकायदा के संदिग्ध शाहबाज अंसारी को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में शाहबाज ने अलकायदा की गतिविधियों और नए सदस्यों को भर्ती करने की प्रक्रिया को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
Jharkhand Al-Qaeda: कम पढ़े-लिखे और मजदूर वर्ग के लोगों को बनाते हैं निशाना
शाहबाज अंसारी ने बताया कि अलकायदा के मॉड्यूल में शामिल होने वालों में अधिकतर लोग कम पढ़े-लिखे और मजदूर वर्ग से होते हैं। इन्हें संगठन में जोड़ने के लिए उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। संगठन के एजेंट धार्मिक और सामाजिक मुद्दों के जरिए इन लोगों को भड़काते हैं और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए तैयार करते हैं।
कैसे हुआ शाहबाज का ब्रेनवॉश?
शाहबाज ने खुलासा किया कि उसके गांव चान्हो के एनामुल अंसारी ने उसे अलकायदा में शामिल होने के लिए प्रभावित किया। एनामुल ने छह महीने तक लगातार उससे बातें कीं और उसका ब्रेनवॉश किया। अगस्त 2024 में एनामुल ने शाहबाज को राजस्थान के भिवाड़ी स्थित ट्रेनिंग कैंप ले जाकर आतंकी प्रशिक्षण दिलवाया।
Jharkhand Al-Qaeda: ट्रेनिंग कैंप और दिल्ली पुलिस की छापेमारी
शाहबाज के अनुसार, भिवाड़ी में चल रहे ट्रेनिंग कैंप में लगभग एक दर्जन लोग प्रशिक्षण ले रहे थे। यह प्रशिक्षण तीन दिन तक चला। 24 अगस्त 2024 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने वहां छापा मारा और एनामुल समेत कई संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, शाहबाज वहां से भागने में सफल रहा।
भारतीय ट्रेनर का शक
शाहबाज ने पुलिस को ट्रेनिंग देने वाले व्यक्ति का हुलिया बताया है। पुलिस को संदेह है कि ट्रेनर भारतीय हो सकता है। जांच एजेंसियां इस पर आगे की पड़ताल कर रही हैं।
Jharkhand Al-Qaeda: फरारी के दौरान की मजदूरी
शाहबाज ने भागने के बाद लातेहार के महुआडांड़ में राजमिस्त्री का काम किया। वह वहां किसी का घर बना रहा था। काम पूरा करने के बाद वह लोहरदगा के सेन्हा पहुंचा, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
Jharkhand Al-Qaeda: एटीएस की जांच जारी
एटीएस अब उन अन्य संदिग्धों की पहचान में जुटी है, जिनके नाम शाहबाज ने पूछताछ के दौरान बताए हैं। इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि अलकायदा में शामिल होने के लिए झारखंड के अन्य इलाकों से कौन-कौन प्रभावित हुआ है।
शाहबाज अंसारी की गिरफ्तारी ने अलकायदा के झारखंड मॉड्यूल को लेकर कई राज उजागर किए हैं। यह घटना न केवल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि आतंकी संगठन किस तरह आम लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।