
Ranchi: झारखंड के CM Hemant Soren ने सोमवार को एक भावुक बयान दिया जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.
उन्हें भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन अदालत से बेल मिलने के बाद वह एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. न्यायालय के फैसले पर बोलते हुए हेमंत सोरेन ने कहा “मुझे गलत आरोपों में जेल की सलाखों के पीछे डाला गया. सोरेन परिवार पर कई तरह के लांछन लगाए गए जो पूरी तरह से निराधार थे.” उन्होंने आगे कहा कि उनका कीमती वक्त इन आरोपों की वजह से बर्बाद हुआ है.
न्यायालय सर्वोपरि है, यहां अधंकार नहीं होता: CM Hemant Soren
हेमंत सोरेन ने न्यायालय के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा “न्यायपालिका एक ऐसा स्तंभ है जहां अंधकार नहीं होता. कुछ समूह ऐसे हैं जो न्यायालय का समय बर्बाद करने की कोशिश करते हैं लेकिन सत्य की जीत होती है.” उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके उन लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं जो समाज में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के हित में काम कर रहे हैं.
उन पांच महीनों का क्या होगा?- कल्पना सोरेन
विधानसभा परिसर में मानसून सत्र के दौरान, हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और एक बड़ा सवाल उठाया. उन्होंने कहा “सत्य की जीत हुई है लेकिन पांच महीनों का क्या होगा? जो समय हेमंत सोरेन ने जेल में बिताया उसका हिसाब कौन देगा?” कल्पना सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि Hemant Soren के लिए यह समय कितना महत्वपूर्ण था और यह समाज की अनगिनत समस्याओं का समाधान करने में इस्तेमाल हो सकता था.
माननीय झारखण्ड विधानसभा में मुझे पहली बार आज अपनी बात रखने का परम सौभाग्य मिला। इस अवसर पर मैं, गांडेय विधानसभा के सभी मतदाताओं सहित INDIA गठबंधन के सभी सक्रिय साथियों को धन्यवाद करती हूं, जोहार करती हूं। आज माननीय विधानसभा में मैंने सरकार के अनुपूरक बजट के पक्ष में अपनी बात रखी।… pic.twitter.com/HAcTbHDkHi
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) July 30, 2024
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हेमंत सोरेन का यह बयान उनके समर्थकों और झारखंड के लोगों के बीच एक संदेश के रूप में गया कि वह न्याय के प्रति अपनी आस्था और अपने कार्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। वहीं कल्पना सोरेन ने यह सवाल उठाकर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है कि न्याय और समय के नुकसान का हिसाब कैसे दिया जाए।