Ranchi: स्वच्छ वायु और बेहतर स्वास्थ्य परियोजना एंव हवा की गुणवत्ता पर झारखंड मीडिया (Environmental Reporting) के लिए नेतृत्व कार्यशाला का आयोजन 18 और 19 अक्टूबर, 2022 द रांची प्रेस क्लब के कांफ्रेंस सभागार में आयोजित किया गया।
पहले दिन दो सत्रों के स्वच्छ वायु और बेहतर स्वास्थ्य परियोजना एंव हवा की गुणवत्ता पर विस्तृत चर्चा की गई। इस कार्यक्रम को असर और द रांची प्रेस क्लब के संयुक्त प्रयास से किया गया , जिसमें सहयोगी संस्थाएं यूएसएआईडी, सीईईडब्ल्यू ने अपनी सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ 11:00 बजे मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया। मंच संचालन द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा ने किया और स्वागत भाषण असर संस्थान के मुन्ना कुमार झा ने और समापन प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य परवेज कुरैशी ने किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा , पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह, कोषाअध्यक्ष सुशील सिंह मंटू, संयुक्त सचिव अभिषेक सिन्हा , कार्यकारिणी सदस्यों में रूपम, धर्मेंद्र गिरी, संजय रंजन, परवेज कुरेशी, राकेश कुमार, सुनील गुप्ता उपस्थित रहे।
Environmental Reporting: इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए ताकि लोगों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता आये
कार्यक्रम की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रेस क्लब का पर्यावरण पर अच्छी पहल है।इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए ताकि लोगों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता आये । उन्होंने कहा कि अभी हम देखते हैं कि झारखंड में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है,इस पर हमलोग सरकार में चर्चा कर रहे हैं। वहीं दूसरे जिलों में लगातार बारिश हो रही है। ये प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का नतीजा है। हमलोगों ने कोविड 19 का दौर भी देखा है। ग्लोबल वार्मिंग की क्या स्थिति दुनिया में बन रही है।
ग्लेसियर का प्रकोप से करीब दस देश इससे प्रभावित हो रहा है। गुप्ता ने कहा कि दुनिया में सबसे विकसित देशों में जापान है, लेकिन सबसे विनाश भी झेला है, सुनामी एक उदाहरण है। सीईईडब्ल्यू की तनुश्री गांगुली ने झारखंड में वायु गुणवत्ता डेटा का पहुंच और उसकी व्याख्या करना , पर अपनी बातों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर पत्रकार खबरें लिखते हैं। लेकिन खबर लिखने के समय उन्हें आंकड़े की जरूरत पड़ती है।
Environmental Reporting: झारखंड के तीन जिलों रांची, धनबाद और जमशेदपुर में पॉल्यूशन की स्थिति ठीक नहीं है
विश्वानीय साइड पर से ही आंकड़े उठाये,ताकि खबर पर विश्वास बना रहे। उन्होंने बताया कि झारखंड के तीन जिलों रांची, धनबाद और जमशेदपुर में पॉल्यूशन की स्थिति ठीक नहीं है। राज्य सरकार को करीब 70 करोड़ राशि आवंटित है, लेकिन धरातल पर पॉल्यूशन को लेकर काम होता नहीं हो दिख पा रहा है। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर हर्षल रमेश ने स्वच्छ वायु और बेहतर स्वास्थ्य परियोजना एंव हवा की गुणवत्ता पर अपनी प्रस्तुति दिये।
वहीं क्लीनर एयर एंड सेंटर हैल्थ के चीफ आफ पार्टी चिन्मया आचार्य ने बातें रखी।दूसरे सत्र दो बजे से शुरु हुआ जो शाम 4: 30 बजे तक चला। जिस पर डॉक्टर नीतिश प्रियदर्शी सहायक प्रोफेसर रांची यूनिवर्सिटी ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ पौधों का होना जरूरी है । खास करके जंगलों का होना , लेकिन वर्तमान में जंगल है नहीं, जंगल की कटाई धड़ल्ले से हो रही है । यह स्थिति न सिर्फ झारखंड में बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी जंगलों की कटाई जारी है।
Environmental Reporting: हर व्यक्ति को पेड़ लगाने होंगे, तभी जंगल बनेगा
जंगल बचाने के हर व्यक्ति को पेड़ लगाने होंगे, तभी जंगल बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर काफी हंगामा होती है ,खबरें छपती है। और दोष पंजाब और हरियाणा को दी जाती है, तो यह भी एक विषय है, जानने के लिए। वहीं दिल्ली के दैनिक भास्कर के अनिरुद्ध शर्मा ने भी पॉल्यूशन पर अपनी बातों को रखा और उन्होंने बताया कि किस तरह से पहली बार पॉल्यूशन को बचाने पर पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दर्ज कराई गई थी ।
यह पहला ऐसा मामला था जिसका कवरेज करने का मौका मिला। असर के मुन्ना कुमार झा ने बताया कि बुधवार को कार्यक्रम का दूसरा सत्र सोलर पॉलिसी सौर ऊर्जा पर चर्चा की जाएगी । इस मौके पर विभिन्न अखबारों के पत्रकार एवं उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, सेंट जेवियर, रांची यूनिवर्सिटी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के के छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए।