CM सोरेन आदिवासी छात्रावास, करमटोली में आयोजित Sarhul पूजा महोत्सव में हुए शामिल

CM ने सरना स्थल में पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर राज्य की उन्नति और सुख शांति की कामना की

Ranchi: CM Soren: हर तरफ हर्ष, उत्साह और जश्न का माहौल। मांदर- नगाड़े की थाप और थिरकते कदम। सरना स्थलों में पूरे विधि -विधान से “प्रकृति” की पूजा अर्चना।

दरअसल सदियों से चली आ रही यह परंपरा बताती है कि प्रकृति पर्व सरहुल का आदिवासी समाज में कितनी अहमियत है। सरहुल सिर्फ एक त्योहार नहीं है । यह प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आदिवासी छात्रावास, करमटोली में सरहुल महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सरना स्थल में पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना के उपरांत मांदर बजाकर लोगों के साथ खुशियां बांटी।

आदिवासी छात्रावास का होगा कायाकल्प: CM Hemant Soren

CM ने इस अवसर पर कहा कि छात्रावासों को सुसज्जित और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है । छात्रावासों के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू हो चुका है । इस कड़ी में आदिवासी छात्रावास को भी नया आयाम देने की कार्य योजना बन चुकी है। यहां बच्चे और बच्चियों के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी छात्रावास बनेगा, जहां पढ़ाई करने वाले 500 लड़के और 500 लड़कियों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था होगी । उन्होंने रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस और आर्ट्स ब्लॉक के जीर्णोद्धार करने की घोषणा की।

सरना और मसना स्थलों को किया जा रहा संरक्षित: CM Hemant Soren

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना और मसना स्थल आदिवासियों की आस्था से जुड़ा है। इसे संरक्षित रखने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि सामाजिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने में समाज को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के प्रयास और आपके योगदान से हम अपने सामाजिक -धार्मिक धरोहर को अलग पहचान दे सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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