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Babulal Marandi: CM हेमंत सोरेन लालू प्रसाद की तरह जेल जाने के पहले पत्नी कल्पना सोरेन को बनाना चाहते हैं CM

नहीं हो सकता गांडेय विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव, राज्य का सत्ता पक्ष खड़ा करना चाहता है संवैधानिक संकट

Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री Babulal Marandi के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और वर्ष 2024की शुभकामनाएं देते हुए पिछले दिनों गांडेय विधानसभा उपचुनाव कराए जाने की स्थिति में उत्पन्न होने वाले संवैधानिक संकट से संबंधित भेजे गए पत्र की चर्चा की।प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री एवम मुख्यालय प्रभारी डॉ प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय भी शामिल थे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दबाव देकर सीट इस्तीफा करवाया: Babulal Marandi

मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सत्तापक्ष के एक विधायक जो गांडेय विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दबाव देकर सीट इस्तीफा करवाया।

श्री मरांडी ने कहा कि सरफराज अहमद जी पूरी तरह स्वस्थ हैं,वे देश से बाहर भी नही जा रहे ,ऐसे में उनका इस्तीफा अकारण नहीं हुआ बल्कि मुख्यमंत्री अपनी जेल यात्रा के पूर्व लालू प्रसाद की तर्ज पर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।

दिये गये इस्तीफ़े के तहत उपचुनाव नही कराया जा सकता है: Babulal Marandi

उन्होंने कहा कि झारखंड में गांडेय के विधायक द्वारा दिये गये इस्तीफ़े के तहत उपचुनाव नही कराया जा सकता है। सेक्शन 151ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर सामान्य चुनाव में एक साल के कम का समय शेष हो तो उपचुनाव नहीं कराये जा सकते हैं।

कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्णय (प्रमोद लक्ष्मण गुढ़ाधे बनाम भारत निर्वाचन आयोग) में यह स्पष्ट किया गया था कि अगर सामान्य चुनाव एक साल के अंदर होना हो तो उपचुनाव नहीं कराये जा सकते है।

8 जनवरी 2023, को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश जिसमें एक साल की अवधि से कम समय रहने पर भी उपचुनाव कराने का आदेश दिया गया था, उसपर रोक लगा दी गई है।

सेक्शन 151ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951: Babulal Marandi

झारखंड में विधानसभा चुनाव दिसंबर2024 में होने को है। सितंबर अक्टूबर से प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अतः सेक्शन 151ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आलोक में उपचुनाव नहीं कराये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस दिन विधानसभा क्षेत्र के नियुक्त रिटर्निग ऑफिसर चुनाव आयोग को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित करके यह सार्वजनिक बता देता है कि किस दल से और कितने निर्दलीय विधायक निर्वाचित हुए हैं वही तिथि विधायक के निर्वाचन की मानी जाती है। सरकार का गठन ,विधानसभा सत्र कुछ दिन बाद हुआ इससे उसका कुछ लेना देना नही।

राज्य के सत्ताधारी गठबंधन राज्य की जनता और चुनाव आयोग दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि राज्य के सत्ताधारी गठबंधन राज्य की जनता और चुनाव आयोग दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। Babulal Marandi ने कहा कि उन्होंने महामहिम राज्यपाल से उनके द्वारा भेजे गए पत्र को चुनाव आयोग को प्रेषित करने का अनुरोध भी किया है।

 

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: PM Modi 13 जनवरी को बिहार से लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर सकते हैं

 

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