
दुमका: Baha Bongas: खेरवाड़ा सांवता ऐभेन बैसी और मकरो ग्रामीणों के दुवारा गांव मकरो,प्रखंड दुमका,जिला दुमका(स.प)में बाहा पर्व बहुत धूम धाम से गांव के जाहेर थान में मनाया गया.
Baha Bonga: आज बाहा पर्व का दूसरा दिन बोंगा माह है
आज बाहा पर्व का दूसरा दिन है जिसे बोंगा माह कहते है.पहले दिन को ही जाहेर थान में जाहेर का छावनी(पुवाल का छत)बनाते है,जिसे जाहेर दाप माह कहते है. आज बाहा पर्व का दूसरा दिन बोंगा माह है. आज गांव के नायकी(पुजारी) रुबिलाल मरांडी को उसके आंगन से नाच-गान के सम्मान के साथ जाहेर थान ले जाया गए. वहां पहुचने पर नायकी सारजोम पेड़(सखवा पेड़) के नीचे पूज्य स्थलों का गेह-गुरिह किया. अर्थात् गोबर और पानी से सफाई/शुद्धिकरण किया.
Baha Bonga: फूल ग्रहण करने पर सभी ग्रामीण नायकी को डोबोह किये
उसके बाद उसमे सिंदूर लगाते है. उसके बाद मातकोम और सारजोम(महवा और सखवा) का फूल चढ़ाते है. बाहा पर्व में जाहेर ऐरा,मारांग बुरु,मोड़ेकू-तुरुयकू धोरोम गोसाई आदि इष्ट देवी-देवताओ के नाम बलि दिया गया. नायकी सभी महिला-पुरुष और बच्चे भक्तों को सारजोम पेड़(सखवा पेड़) का फूल दिए. फूल ग्रहण करने पर सभी ग्रामीण नायकी को डोबोह किये. जिसे पुरुष भक्त कान में और महिला भक्त बाल के खोपा में लगाये. प्रसाद स्वरूप सभी महिला पुरुष खिचड़ी ग्रहण किये,वहाँ सभी बाहा नृत्य और गान किये।
सभी अथितियों ने बाहा पर्व पर परिचर्चा किया गया
उसके बाद नायकी को फिर नाच गान करते हुए पूज्य स्थल मंझी थान ले जाया गया। वहाँ भी पूजा और नाच गान किया गया।उसके बाद सभी ग्रामीण और बैसी मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ धुनि सोरेन(लंदन)का आदिवासी परम्परा के साथ स्वागत किया गया। उसके बाद सभी अथितियों ने बाहा पर्व पर परिचर्चा किया गया। उसके बाद फिर कई गांवों से आये नाच गान टीमो ने बाहा नृत्य और बाहा गान किया गया।
संताल आदिवासी बाहा पर्व सृष्टि के सम्मान में मनाते है.इसका प्रकृति और मानव के साथ सीधा सम्बन्ध है.इसी समय सभी पेड़ो में फूल आते है.बाहा का शाब्दिक अर्थ फूल होता है. इसलिये इसे बाहा पर्व कहते है।तीसरे और अंतिम दिन को सभी ग्रामीण एक दूसरे पर सादा पानी डालकर बाहा पर्व मनाते है।इस अवसर में मिस्त्री मरांडी,लक्ष्मण किस्कु,मनोहर मरांडी,प्रेम मरांडी,संजय मुर्मू,जोसेप मुर्मू,की स्टू सोरेन,मदन टुडु, गोपिन्द मुर्मू,साहब मरांडी,नटवा हांसदा,शिवलाल मुर्मू,चुड़का मुर्मू,पॉउल हांसदा,सीता राम मुर्मू आदि उपस्थित थे।