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Baba Vanga: 5 जुलाई की भयावह सुनामी की भविष्यवाणी: अफवाह या आने वाला खतरा?

भविष्यवाणी का दावा: जापानी बाबा वेंगा की चेतावनी

Baba Vanga: हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर यह दावे सामने आए हैं कि 5 जुलाई को जापान में एक भीषण सुनामी आ सकती है। इस चेतावनी को कथित रूप से “जापानी बाबा वेंगा” से जोड़ा जा रहा है।

हालांकि, इस भविष्यवाणी की न तो कोई वैज्ञानिक पुष्टि हुई है और न ही बाबा वेंगा जैसी कोई जापानी हस्ती का अस्तित्व प्रमाणित है। ऐसे दावे सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने के लिए अक्सर किए जाते हैं।

वैज्ञानिक चेतावनी: अंडमान सागर में बढ़ी हलचल

इकोलॉजिस्ट थॉन थमरोंगनावासवत ने हाल ही में चेतावनी दी है कि थाईलैंड, म्यांमार और अंडमान-निकोबार क्षेत्र में समुद्र के नीचे लगातार हो रही भूकंपीय गतिविधियाँ ज्वालामुखीय विस्फोट का संकेत दे रही हैं। अंडमान में स्थित भारत का बैरन द्वीप इस क्षेत्र का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है, और इससे जुड़ी हलचल बड़े स्तर पर सुनामी उत्पन्न कर सकती है।

Baba Vanga: सुनामी की आशंका पर विशेषज्ञों की राय

थॉन का कहना है कि दो स्थान — इंडोनेशिया और अंडमान द्वीप समूह — बड़े पैमाने पर सुनामी को ट्रिगर कर सकते हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्राकृतिक आपदा की सटीक भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान देने के बजाय तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।

Baba Vanga: तैयारी की सलाह: डर नहीं, सतर्कता रखें

थॉन ने लोगों को सुझाव दिया है कि समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले लोग कम से कम 7-8 मंजिला इमारतों में सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करें और आपदा की स्थिति में स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी अपील की कि भ्रामक सूचनाओं से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।

Baba Vanga: कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं

जापान मीटियोरोलॉजिकल एजेंसी, USGS और भारत के INCOIS जैसी विश्वसनीय एजेंसियों ने 5 जुलाई को किसी विशेष सुनामी के खतरे को लेकर अब तक कोई चेतावनी जारी नहीं की है। इसलिए यह स्पष्ट है कि वर्तमान में कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है जो इस तरह की किसी विनाशकारी सुनामी की भविष्यवाणी की पुष्टि करे।

विज्ञान पर भरोसा करें, अफवाहों से बचें

भले ही समुद्र के नीचे कुछ असामान्य गतिविधियां दर्ज की गई हों, लेकिन 5 जुलाई को किसी “भविष्यवाणी” के आधार पर घबराना सही नहीं है। वैज्ञानिक चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए सतर्क रहना चाहिए, लेकिन बिना पुष्टि के डर फैलाना अनुचित है।

 

 

 

 

 

 

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