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अपनी सभ्यता-संस्कृति को संरक्षित करना जानते हैं आदिवासी-मूलवासी : Bandhu Tirkey

पंडरा जेठ जतरा महोत्सव में शामिल हुए कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और मांडर विधायक

Ranchi: Bandhu Tirkey: पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखण्ड के आदिवासी और मूलवासी अपनी सभ्यता एवं संस्कृति का संरक्षण बहुत अच्छी तरह जानते हैं.

आदिवासियों और मूलवासियों के लिये उनकी संस्कृति और विरासत का संरक्षण सबसे जरूरी है: Bandhu Tirkey

आज शाम राजधानी के पंडरा में जेठ जतरा महोत्सव में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि मंडा पूजा और जेठ जतरा बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन इस अवसर पर नये संकल्प लेकर अपने जीवन को सजाने-संवारने की जरूरत है. श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में पेसा कानून बहुत महत्वपूर्ण है जो आदिवासियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कहती है कि आदिवासियों का जीवन और उनकी संस्कृति आदर्श है पर हम इसे नहीं समझते.

अखरा और सरना हमारे पुरखो की देन है और हमें इसकी कीमत को समझना होगा: Bandhu Tirkey

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि उन्होंने आम लोगों एवं ग्रामीणों की समस्याओ को न केवल विधानसभा बल्कि सड़कों पर और हर मंच पर उठाया है. लेकिन अपने स्वयं के उद्धार के लिये सभी को जागरूक करना होगा. इस अवसर पर श्रीमती तिर्की ने पुरस्कार वितरण भी किया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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