
#WATCH | Prayagraj: Uttar Pradesh government showered flowers on devotees during the Snan Parv at Mahakumbh; joyous devotees chant “Jai Shri Ram”.
(Source: Information Department) pic.twitter.com/KhF8oKzfQv
— ANI (@ANI) January 13, 2025
Mahakumbh: संगम तट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
पौष पूर्णिमा के दिन, संगम पर गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। भोर से ही घाटों पर स्नान करने वालों की लंबी कतारें देखी गईं। मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के साथ संगम तट पर गंगा मैया का आह्वान करते हुए डुबकी लगाते नजर आए।
Mahakumbh: योगी सरकार का अभिनव स्वागत
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बार महाकुंभ के आयोजन को खास और यादगार बनाने के लिए कई नई पहल की हैं। हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा इसका मुख्य आकर्षण रहा। हेलीकॉप्टर ने संगम तट, घाटों और अखाड़ों पर श्रद्धालुओं के स्नान के दौरान फूलों की वर्षा की। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय रहा। पुष्पवर्षा के दौरान श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे।
Mahakumbh: प्रशासन की तैयारियां और सुविधाएं
महाकुंभ 2025 के पहले स्नान पर्व को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थीं।
– सभी घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
– स्वच्छता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया।
– श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी की मदद ली गई।
– संगम तट पर मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ न केवल भारत बल्कि विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव है। पौष पूर्णिमा स्नान का महत्व इस बात से भी है कि यह महाकुंभ के पहले स्नान पर्व की शुरुआत करता है। इस दिन गंगा मैया की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और दान का भी विशेष महत्व होता है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं
पुष्पवर्षा और प्रशासन की शानदार व्यवस्था से श्रद्धालु बेहद खुश नजर आए। लोगों ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि यह आयोजन उनकी भक्ति और आस्था को और भी मजबूत करता है। श्रद्धालुओं ने बताया कि पुष्पवर्षा का दृश्य देखने लायक था और इससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा और भी आनंदमय बन गई।