Jharkhand में ऐसे कई गांव हैं जो बरसात में बन जाते हैं टापू

Ranchi: Jharkhand: मानसून शुरू होते ही चतरा जिले के अंतर्गत कुंदा प्रखंड के कई गांव टापू बन जाते हैं। नदियों में पुलिया एवं पुल नहीं होने की वजह से इन गांवों का संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से कट जाता है।

नदी को पार करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। स्कूली बच्चों का हाल भी बुरा है। जिन जिन बच्चों के स्कूल नदी के उस पार है वह समय पर स्कूल नहीं जा पाते हैं। नदी में पानी कम होने का इंतजार में उनका स्कूल भी छूट जाता है। कुछ बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल आते-जाते हैं। बीमार व्यक्तियों को इलाज के लिए प्रखंड मुख्यालय ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोग राशन का भी उठाओ नहीं कर पाते हैं।

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गांव वालों ने मंत्री सांसद व जिले के पदाधिकारियों से नदियों पर पुलिया पुल बनाने की मांग की है परंतु किसी का कोई ध्यान नहीं है।

Jharkhand News: आज तक नहीं बना पुल

प्रखंड के कई गांव नदियों से गिरे हुए हैं। मूसलाधार बारिश होने से नदियों में पानी का स्तर अधिक रहता है। कोजरम गांव की अंबा नदी, बरही कोजरम गांव की हथवार नदी, बनियाडीह गांव के हरिन बंधवा नदी, पथलकुड़वा नदी, हारूल गांव की पिछलिया नदी, उलवार जमुआ नदी, लाली माटी गांव की निलंजन नदी, फुलवरिया गांव की पथलकुडदवा नदी करील गढ़वा गांव की लड़की नदी, राजवाड़ा गांव की सिंदुरिया नदी, बजरा ही गांव की सुख नाही नदी के संग कई नदियों पर आज तक पुल नहीं बन पाया है।

इस परिस्थिति में एक गांव की जिंदगी अपने ही गांव में कैद होकर रह जाती है।

Jharkhand News:  गांव वालों की वर्षों पुरानी मांग आज तक नहीं हुई पूरी

इस मामले में बनियाडीह गांव के चनारीक गंजू ने कहा की बनियाडीह गांव की हरिन बंधवा नदी पर अब तक पुल नहीं बन पाया है, जिस वजह से आवागमन में काफी परेशानी होती है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं कारी मांडर गांव के राजेंद्र गंजू ने कहा कि अंबा नदी पर पुल नया बनने के वजह से गांव के बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार कर यूपीएस लुकुइया स्कूल में पढ़ने जाते हैं।

लाल माटी गांव के बुधन गंजू ने कहा की 40 सालों से वह वोट देते आ रहे हैं, पर उनके गांव तक सड़क नहीं बनी और ना ही नीलांजन नदी पर कोई पुल बनवाया है। गांव के लोगों का सालों पुराना सपना आज भी अधूरा है।

 

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