
Ranchi: Jharkhand Vidhan Sabha का आगामी मॉनसून सत्र 1 अगस्त से आहूत किया गया है। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो की अध्यक्षता में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायक दल के नेताओं की सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे। इस बैठक का उद्देश्य सदन के सफल और सुचारू संचालन के लिए दोनों पक्षों के बीच समझौता करना था।
श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान, रांची में मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM की अध्यक्षता में सत्ता पक्ष के विधायक गणों की बैठक संपन्न। बैठक में 1 से 7 अगस्त तक आहूत षष्टम झारखण्ड विधानसभा के तृतीय सत्र (मॉनसून सत्र) के मद्देनज़र विचार- विमर्श हुआ। pic.twitter.com/IvsvbCdGAJ
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) July 31, 2025
Jharkhand Vidhan Sabha: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संदेश
बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉनसून सत्र छोटा सत्र होगा, लेकिन यह सुचारू रूप से चले और उसकी सार्थकता बनी रहे, यही उनकी कामना है। उन्होंने सदन की व्यवसायिकता और उत्पादकता पर जोर देते हुए सुझाव दिए।
विपक्ष ने जताई चिंता
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बैठक के बाद बताया कि सत्र की अवधि कम है तथा सरकार इसे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक दल इस सत्र के उपयोग एवं रणनीति पर अपनी बैठक के बाद फैसला करेगा।
Jharkhand Vidhan Sabha: संसदीय कार्य मंत्री के अनुसार सत्र की विशेष विषयवस्तु
संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि मुख्यमंत्री के सुझावानुसार यह सत्र कृषि और कृषकों के हित में समर्पित होगा। राज्य सरकार ने पांच कार्य दिवसों के सत्र को कृषि एवं कृषक कल्याण विषयक बनाने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भी स्वीकार किया गया।
विशेषकर 6 अगस्त को प्रश्नकाल के पश्चात् राजकीय विधायक की समाप्ति के बाद मानसून सत्र में अतिवृष्टि से प्रभावित भदई की खेती, दलहन, तेलहन फसलों की हानि विषयक सामान्य वाद-विवाद और सरकार की जवाबदेही होगी, जिस पर सभी पक्षों ने सहमति व्यक्त की।
झारखंड विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र में कृषि क्षेत्र की समस्याओं पर फोकस करते हुए सदन में सार्थक चर्चा की उम्मीद है। सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सदन को गतिशील बनाए रखने और चिंताओं को दूर करने के लिए सकारात्मक अभिप्राय व्यक्त किए। इस बार सत्र के दौरान कृषि एवं किसानों से जुड़े मुद्दे विधानसभा का केंद्र बिंदु रहेंगे।



