पत्थर माफियाओं और दलालों ने कराई सूर्या हांसदा की हत्या: Deepak Prakash
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी सीबीआई जांच की अनुशंसा की, भाजपा ने परिजनों की सुरक्षा मांगी
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Deepak Prakash briefing Media
रांची: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद Deepak Prakash ने आज राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर फर्जी था।
उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की हत्या “पत्थर माफियाओं, दलालों और बिचौलियों” के इशारे पर पुलिस ने की है। दीपक प्रकाश ने दावा किया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा की है।
Deepak Prakash: आयोग की जांच रिपोर्ट का हवाला
दीपक प्रकाश ने बताया कि उन्होंने 16 अगस्त को आयोग को इस मामले में एक लिखित आवेदन दिया था। आयोग ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि सूर्या हांसदा की हत्या कराई गई है। उन्होंने कहा कि आयोग ने 12 सितंबर को गृह मंत्रालय को सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखा है और इसकी एक प्रतिलिपि उन्हें भी भेजी है।
Deepak Prakash ने मुठभेड़ की कहानी पर उठाए सवाल
दीपक प्रकाश ने तथाकथित मुठभेड़ को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल उठाए:
आरोपी पुलिस अधिकारी जांच टीम के सामने पेश नहीं हुए।
मुठभेड़ स्थल पर कोई जंगल नहीं था, फिर भी दो घंटे तक मुठभेड़ दिखाई गई।
घटना स्थल पर खून के धब्बे नहीं मिले।
सूर्या हांसदा को 24 घंटे से ज्यादा समय तक बिना वारंट के पुलिस हिरासत में रखा गया।
उन्होंने तस्वीरों का हवाला दिया जिसमें गोली लगने की जगह पर काले धब्बे और जलने के निशान थे, जिससे मुठभेड़ की कहानी मनगढ़ंत लगती है।
सूर्या हांसदा को बताया ‘समाजसेवी’
दीपक प्रकाश ने सूर्या हांसदा को एक समाजसेवी बताया, जो सैकड़ों गरीब और अनाथ बच्चों की मदद करते थे। उन्होंने कहा कि सूर्या पर कोई वारंट नहीं था और वे फर्जी मुकदमों से बरी हो रहे थे। उनका मुख्य अपराध राज्य सरकार के संरक्षण में चल रहे पत्थर माफिया का विरोध करना था, यही उनकी हत्या का कारण बना।
भाजपा नेता ने कहा कि सीआईडी जांच से सिर्फ लीपापोती होगी, इसलिए एकमात्र समाधान सीबीआई जांच है। उन्होंने सरकार से इस मामले की तुरंत सीबीआई जांच कराने, सूर्या के परिवार को सुरक्षा देने और आरोपी पुलिस अधिकारियों का तत्काल तबादला करने की मांग की।