पटना | RJD : बिहार की राजनीति में अब ‘बंगला विवाद’ गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10, सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने के सरकारी आदेश पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बागी तेवर अपना लिए हैं।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने सरकार को खुली चुनौती देते हुए साफ कह दिया है कि, “कुछ भी करना होगा करेंगे, लेकिन बंगला खाली नहीं करेंगे।”
RJD की दो टूक: यह बदले की राजनीति है
भवन निर्माण विभाग द्वारा राबड़ी देवी को नया आवास (39, हार्डिंग रोड) आवंटित करने और पुराना बंगला खाली करने के नोटिस पर आरजेडी बिफर गई है। प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से “राजनीतिक द्वेष” और “बदले की भावना” से प्रेरित है।
उन्होंने सरकार को चैलेंज करते हुए कहा, “सरकार जो करना चाहे कर ले, हम डेरा खाली नहीं करेंगे। 10 सर्कुलर रोड वाले आवास में दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री (लालू यादव और राबड़ी देवी) रहते हैं। नीतीश कुमार 20 साल से मुख्यमंत्री हैं, आज तक उन्हें यह घर खाली कराने की याद क्यों नहीं आई? अब जानबूझकर अपमानित करने के लिए यह सब किया जा रहा है।”
PM मोदी और संघ को खुश करने की कोशिश
मंगनी लाल मंडल ने बिना नाम लिए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चूंकि गृह विभाग अब भाजपा के पास है, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का विश्वास जीतने के लिए लालू परिवार को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं, तो उनके मौजूदा आवास को ही उनके नाम पर क्यों नहीं कर्नांकित (Earmark) कर दिया जाता?
BJP का पलटवार: सरकारी बंगले से मोह-माया ठीक नहीं
आरजेडी के आरोपों पर भाजपा ने भी करारा जवाब दिया है। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि नेताओं को सरकारी आवास से इतनी “मोह-माया” नहीं रखनी चाहिए।
जायसवाल ने कहा, “सरकार और विभाग बदलते रहते हैं। जब पद और दर्जा बदलता है, तो आवास की श्रेणी भी बदलती है। यह फैसला बहुत सोच-समझकर और नियमों के तहत लिया गया है, ताकि भविष्य में भी इन मानदंडों का पालन हो सके।”
हार की समीक्षा के बीच नया विवाद
यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब आरजेडी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा कर रही है। बुधवार को पार्टी कार्यालय में प्रमंडलवार हार के कारणों पर मंथन किया गया। इसी बीच बंगला खाली करने के नोटिस ने सियासी पारा और चढ़ा दिया है।
