नई दिल्ली: संसद के winter session में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पिछले दो दिनों से जारी तनाव आखिरकार खत्म होने की ओर है। मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक और कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में वह सहमति बनी, जिसकी प्रतीक्षा सत्र शुरू होने के बाद से की जा रही थी। सरकार ने विपक्ष की उस मांग को स्वीकार कर लिया है, जिसमें चुनाव सुधारों पर विस्तृत चर्चा की बात कही गई थी।
नरेंद्र मोदी सरकार और चुनाव आयोग मिलकर SIR के जरिये ‘वोट चोरी’ को अंजाम दे रहे हैं। यह हमारे करोड़ों दलित, पिछड़े, आदिवासी और वंचित भाई-बहनों से वोट का अधिकार छीनने का संगठित प्रयास है। जितने भी सवाल उठ रहे हैं, चुनाव आयोग किसी सवाल का जवाब नहीं दे रहा है और सरकार खुलकर आयोग का… pic.twitter.com/pEPcA3WyUI
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 2, 2025
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को विशेष चर्चा का प्रस्ताव
लोकसभा अध्यक्ष (winter session) ओम बिरला ने बताया कि आगामी सोमवार को राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरा होने को लेकर एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी। यह विषय लंबे समय से सदन में शामिल किए जाने की मांग कर रहा था, और इस पर सभी दलों ने सहमति जताई है।
विपक्ष ने भी इस चर्चा का स्वागत करते हुए कहा कि देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर विचार-विमर्श होना आवश्यक है। सत्ता और विपक्ष दोनों ने माना कि वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा रहा है।
तीन दिन चुनाव सुधारों पर विस्तृत बहस, मंगलवार और बुधवार को होगी मुख्य चर्चा
बैठकों में यह भी तय किया गया कि मंगलवार और बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों के व्यापक मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। विपक्ष लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, राजनीतिक फंडिंग, उम्मीदवारों के खर्च, पारदर्शिता और चुनाव आयोग की शक्तियों पर चर्चा की मांग कर रहा था।
सरकार ने संकेत दिया कि वह इस चर्चा का सम्मान करती है और एक स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सभी पार्टियों के सुझावों का स्वागत किया जाएगा। चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालने की उम्मीद है जैसे
- चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उपाय
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर बहस
- EVM और VVPAT से जुड़े प्रश्न
- उम्मीदवारों के खर्च पर नियंत्रण
- राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता
यह चर्चा सत्र की प्रमुख बहसों में से एक मानी जा रही है।
सत्ता-विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म, सत्र का सुचारू संचालन संभव
सत्र के शुरुआती दो दिनों में विपक्ष ने चुनाव सुधारों पर चर्चा की मांग को लेकर कार्यवाही में बाधा डाली थी। इससे सदन में गतिरोध बना हुआ था।
लेकिन अब सरकार द्वारा यह मांग मान लिए जाने के बाद संसद के सुचारू संचालन की उम्मीद बढ़ गई है। सत्ता पक्ष ने कहा कि वह सार्थक और रचनात्मक चर्चा के पक्ष में है वहीं विपक्ष ने आशा जताई कि सरकार इस बहस को खुले मन से सुनेगी।
लोकसभा अध्यक्ष की पहल से बनी सहमति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी अध्यक्षता में हुई बैठकों के दौरान सभी दलों ने लोकतांत्रिक गरिमा बनाए रखने पर सहमति जताई। बिरला ने कहा कि ‘‘सदन में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए वातावरण तैयार करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’ संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत भले ही तनावपूर्ण रही हो लेकिन आपसी सहमति से बने नए कार्यक्रम ने सत्र को दिशा देने का काम किया है।
अगला सप्ताह सदन के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, जहाँ देश की सांस्कृतिक धरोहर, वंदे मातरम और लोकतंत्र की रीढ़, चुनाव सुधार दोनों पर लंबी और सार्थक चर्चा होने जा रही है।
