‘SIR’ के खिलाफ झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव पारित, स्पीकर ने किया स्वीकार

रांची: बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ झारखंड विधानसभा में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे स्पीकर ने बहुमत का हवाला देते हुए ‘स्वीकृत और पारित’ घोषित कर दिया।


सत्ता पक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया गरीब और वंचित तबके को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश है।

SIR: ‘लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने की कोशिश’

संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि SIR की मौजूदा प्रक्रिया लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि लाखों गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो देश की एकता के लिए खतरा है। इस मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ, जहां सत्ता पक्ष के विधायक “वोट चोर गद्दी छोड़” जैसे नारे लगाते हुए वेल में पहुंच गए। वहीं, विपक्षी भाजपा विधायकों ने भी सूर्या हांसदा हत्याकांड और शिक्षा-चिकित्सा संस्थानों के राजनीतिकरण जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे को देखते हुए स्पीकर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

SIR: अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर सीएम ने दिया बयान

इस बीच, विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों पर बात की। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और जहां भी नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जा रहा है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सदन में बताया कि अतिवृष्टि से न केवल फसलें, बल्कि मकान, स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आपदा निधि से फसल और मकान की क्षति की भरपाई की जाएगी।

 

 

 

 

 

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