झारखंड में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगेगा अंकुश, प्राथमिक शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में होगी: शिक्षा मंत्री Ramdas Soren

Ranchi: Jharkhand के शिक्षा मंत्री Ramdas Soren ने शुक्रवार को घाटशिला के 18 सरकारी स्कूलों में 400 बेंच-डेस्क आवंटित किए।

उन्होंने महुलिया और बाघुड़िया से इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि अब किसी भी स्कूल में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्राथमिक स्तर तक शिक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में दी जाएगी और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए सरकार सख्त कदम उठाएगी।

सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधाएं: Ramdas Soren

शिक्षा मंत्री ने महुलिया आदर्श मवि को 30 बेंच-डेस्क और बाघुड़िया उउवि को 40 बेंच-डेस्क प्रदान किए। उन्होंने कहा कि अन्य स्कूलों में भी शीघ्र ही बेंच-डेस्क का वितरण होगा, ताकि कोई भी छात्र जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करे। सरकार सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है और विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी।

प्राइमरी तक क्षेत्रीय भाषा में होगी पढ़ाई: Ramdas Soren

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्तर तक बांग्ला समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए सरकार न केवल किताबें उपलब्ध कराएगी, बल्कि क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। महुलिया आदर्श मवि परिसर में स्थित पुराना बांग्ला विद्यालय भवन अब जर्जर हो चुका है। इसे तोड़कर कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की स्मृति में एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा, जिससे बांग्ला भाषा की धरोहर को संरक्षित किया जा सके।

निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्ती: Ramdas Soren

शिक्षा मंत्री ने निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र में फीस वृद्धि, जबरन किताबें और अन्य सामग्रियों की खरीददारी थोपना, वार्षिक शुल्क में बेवजह बढ़ोतरी जैसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं। सरकार जल्द ही इस पर सख्त कदम उठाएगी और निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा।

ड्रॉपआउट और स्कूली ड्रेस को लेकर कड़ी चेतावनी

बाघुड़िया उउवि में अधिकतर बच्चों के पास जूते नहीं थे, जिस पर शिक्षा मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार पोशाक और जूतों के लिए पैसे देती है, इसलिए सभी छात्र स्कूल ड्रेस और जूते पहनकर ही आएं। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों को इस पर विशेष ध्यान देने को कहा।

इसके अलावा, ड्रॉपआउट बच्चों को लेकर भी मंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि अगर कोई बच्चा लगातार सात दिनों तक स्कूल नहीं आता, तो शिक्षक उसके घर जाकर रिपोर्ट तैयार करें और इसकी जानकारी बीइइओ (ब्लॉक शिक्षा प्रसार अधिकारी) को दें। सभी बच्चों को स्कूल में बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और हर छात्र को बेहतर सुविधाएं देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

 

 

 

 

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