Patna: पटना में कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शहर के प्रतिष्ठित Paras Hospital में गुरुवार सुबह अपराधियों ने पैरोल पर इलाज करवा रहे कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की ICU में गोली मारकर हत्या कर दी।
चंदन मिश्रा पर हत्या के 10 से अधिक मामले दर्ज थे और वह हाल ही में बक्सर जेल से पैरोल पर बाहर आया था।
घटना का CCTV फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें पांच हमलावर बंदूक लहराते हुए अस्पताल के अंदर घुसते और चंदन मिश्रा को बेड पर गोली मारते नजर आ रहे हैं। इस दौरान किसी के चेहरे पर मास्क तक नहीं था, जिससे उनकी पहचान साफ हो रही है।
Paras Hospital incident: ICU में गोलियां, अस्पताल में हड़कंप
चश्मदीदों के अनुसार, बदमाश सुबह करीब 7:30 बजे अस्पताल के अंदर दाखिल हुए। ICU में सो रहे चंदन मिश्रा पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। गोलियों की आवाज सुनते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। अपराधी खुलेआम पिस्टल लहराते हुए अस्पताल से बाहर निकले और बाइक पर सवार होकर फरार हो गए।
पुलिस अधीक्षक (पटना मध्य) दीक्षा ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों की पहचान की जा रही है और प्रथम दृष्टया यह पुरानी रंजिश का मामला लगता है। SIT का गठन कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
Paras Hospital incident: चंदन मिश्रा – कुख्यात अपराधी का आपराधिक इतिहास
पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने जानकारी दी कि मृतक चंदन मिश्रा पर हत्या के कई मामले दर्ज थे और वह एक सजायाफ्ता अपराधी था। सुरक्षा कारणों से उसे बक्सर से भागलपुर जेल स्थानांतरित किया गया था। इलाज के लिए उसे पैरोल मिली थी, इसी दौरान यह घटना घटी।
Patna, Bihar: On the Patna Paras Hospital shootout, DGP Vinay Kumar says, “There has been a long-standing rivalry. The deceased had deep criminal links and a significant criminal history. He was an accused in more than 18 murder cases. In one of them, he was sentenced to death,… pic.twitter.com/EiAM9nxAcV
— IANS (@ians_india) July 17, 2025
Paras Hosसियासत गरमाई, विपक्ष ने उठाए सवाल
इस वारदात के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा,
“सरकारी अपराधियों ने अस्पताल में भर्ती मरीज को ICU में घुसकर मारी गोली। बिहार में कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं? 2005 से पहले ऐसे होता था जी?”
वहीं पप्पू यादव ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। मैं राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करूंगा। अपराधियों को उनकी जाति के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है।”
बड़ी चूक या मिलीभगत?
इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पारस अस्पताल को अत्यंत सुरक्षित माना जाता रहा है, लेकिन ICU में घुसकर हत्या की यह घटना दर्शाती है कि या तो सुरक्षा में बड़ी चूक हुई या फिर कहीं न कहीं मिलीभगत भी हो सकती है।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हमलावरों ने वारदात को अंजाम देने से पहले पूरी प्लानिंग की थी। अब सवाल उठता है कि यदि एक सजायाफ्ता अपराधी को पैरोल पर लाकर इस तरह खुलेआम मारा जा सकता है, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं?
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