Hazaribagh: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा (Pradeep Sinha) ने हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से गर्भ में एक शिशु की मौत और धनबाद में सड़क दुर्घटना के एक पीड़ित परिवार के इलाज के दौरान सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में बरती गई भारी कुव्यवस्था को लेकर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त दोनों मामले ने एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पूरे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है और हेमंत सरकार केवल लूट खसोट में मस्त है।
श्री सिन्हा ने कहा कि कितनी शर्मनाक बात है कि जिस डॉक्टर को लोग भगवान का दूसरा रूप मानते हैं वही गर्भवती महिला को भर्ती कर जच्चा बच्चा को मरने के लिए छोड़कर भाग जाते हैं। इस दौरान एक महिला के बच्चें की पेट में ही मौत भी हो जाती है। आखिर इस मौत का जिम्मेवार कौन है?
इमरजेंसी में डॉक्टर को परिजन ढूंढते रहे परंतु डॉक्टर तक नहीं मिले: Pradeep Sinha
श्री सिन्हा ने कहा कि धनबाद वाला दूसरा मामला भी शर्मनाक और रौंगटे खड़े करने वाला है। हाजीपुर से रानीगंज जा रहा एक परिवार का कार गोविंदपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। पीड़ित परिवार द्वारा सोशल मीडिया पर इलाज के दौरान चिकित्साकर्मियों द्वारा सलूक करने को लेकर जो दर्द साझा किया गया है वह राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है। सलूक ऐसा कि जल्लाद भी शर्मा जाएं। यहां घायलों का स्टिच बोरा सिलने जैसा सिला गया। पैर टूटा नहीं रहने के बावजूद बगैर एक्सरे किए ही कच्चा प्लास्टर कर दिया गया। इमरजेंसी में डॉक्टर को परिजन ढूंढते रहे परंतु डॉक्टर तक नहीं मिले।
पूरे देश में खून नि:शुल्क लेकिन झारखंड सरकार सरचार्ज के नाम पर 1050 रुपए शुल्क वसूल रही: Pradeep Sinha
श्री सिन्हा ने कहा कि यह महज एक उदाहरण भर है। पूरे राज्य की कमोबेश यही स्थिति है। भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना में राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। जहां की सरकार नि:शुल्क कफन बांटने की योजना लाती हो, पूरे देश में खून नि:शुल्क लेकिन झारखंड सरकार सरचार्ज के नाम पर 1050 रुपए शुल्क वसूलने का संकल्प पत्र जारी करती है, उस सरकार से कोई उम्मीद भी बेमानी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि दोनों मामले में दोषियों को चिन्हित कर तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।
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