डिप्टी सीएम Samrat Choudhary के खिलाफ जन सुराज ने राजभवन में सौंपा ज्ञापन

उम्र छिपाने और जालसाजी का आरोप; पार्टी की चेतावनी, 'ऐक्शन नहीं हुआ तो कोर्ट जाएंगे'

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री Samrat Choudhary पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने आज राजभवन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के प्रधान सचिव को ज्ञापन सौंपा।

पार्टी के चार नेताओं का प्रतिनिधिमंडल, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह भी शामिल थे, राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचा था, लेकिन मुलाकात न होने पर उन्होंने ज्ञापन सौंपा।

Samrat Choudhary News: जन सुराज की मुख्य मांगें और चेतावनी

जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है कि सम्राट चौधरी पर कार्रवाई होगी। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर सम्राट चौधरी पर एक्शन नहीं हुआ तो हम लोग कोर्ट जाएंगे।

ज्ञापन में जन सुराज पार्टी ने सम्राट चौधरी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है:

  1. उपमुख्यमंत्री पद से तत्काल हटाया जाए।
  2. हत्या और जालसाजी के मामले में तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
  3. पूरे मामले का उच्च न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष अन्वेषण कराया जाए।

Samrat Choudhary News: उम्र और जालसाजी के गंभीर आरोप

जन सुराज पार्टी ने ज्ञापन में सम्राट चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनका आधार उनके चुनावी हलफनामे और अदालती रिकॉर्ड हैं:

  • नाबालिग बताकर जमानत: 1995 में तारापुर थाना कांड संख्या 44/1995 (हत्याकांड) में अभियुक्त बनाए जाने पर, उन्होंने मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के सामने स्कूल का सर्टिफिकेट दिखाकर खुद को नाबालिग बताया और जमानत ली।
  • मंत्री पद से हटना: 1999 में बिना विधानसभा/विधान परिषद सदस्य बने मंत्री बनने पर, तत्कालीन राज्यपाल ने उनकी आयु 25 वर्ष से कम होने के आधार पर उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था।
  • न्यायालय ने रद्द किया निर्वाचन: 2000 के विधानसभा चुनाव में उनकी सदस्यता को न्यायालय में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में उनके विद्यालय के फर्जी दस्तावेजों को मानने से इनकार करते हुए 2000 का उनका निर्वाचन रद्द कर दिया था।
  • उम्र में विरोधाभास: 1996 में खुद को 16 वर्ष से कम बताने वाले चौधरी ने 2010 में अपनी उम्र 28 वर्ष और 2020 के विधान परिषद चुनाव में 51 वर्ष दर्ज की। जन सुराज का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के अवलोकन के अनुसार, 2020 में उनकी आयु 40 वर्ष से भी कम होनी चाहिए थी।

जन सुराज पार्टी ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी ने हत्या के मामले से बचने के लिए खुद को नाबालिग दर्शाया और न्यायिक व्यवस्था को धोखे में रखा, और 2020 में भी झूठी जानकारी प्रस्तुत कर चुनाव जीता और उपमुख्यमंत्री बने।

 

 

 

 

 

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