myanmar में आए भीषण भूकंप के बाद भारत ने एक बार फिर अपने पड़ोसी धर्म को निभाते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है। हाल ही में आए इस विनाशकारी भूकंप ने म्यांमार के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई, जिससे वहां जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है।
#OperationBrahma 🇮🇳🇲🇲
01 self-contained Heavy Urban Search & Rescue (USAR) team comprising 80 skilled rescuers including 04 canines, specialized equipment and tools being airlifted for Nay Pyi Taw, Myanmar in two sorties for #SAR operations in earthquake-affected regions. pic.twitter.com/xuHIiYC3xS
— NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) March 29, 2025
संकट की इस घड़ी में भारत ने तुरंत सहायता भेजने का निर्णय लिया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक विशेष टीम को राहत कार्यों के लिए म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ भेजा गया है।
Myanmar Earthquake: पीएम मोदी एक्शन में, त्वरित मदद का आदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की इस त्रासदी पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए तत्काल राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि म्यांमार के लोगों की हरसंभव मदद की जाए और राहत सामग्री भी जल्द से जल्द वहां पहुंचाई जाए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा आपदा के समय अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहता है और इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार को पूरा सहयोग दिया जाएगा।
Myanmar Earthquake: नेपीडॉ पहुंची NDRF की टीम
भारत ने तुरंत एक विशेष राहत टीम को भेजा है, जो म्यांमार में रेस्क्यू ऑपरेशन संभालेगी। NDRF के प्रशिक्षित जवानों को मलबे में फंसे लोगों को निकालने, घायलों की मदद करने और पुनर्वास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए भेजा गया है।
Myanmar Earthquake: भारत की ओर से अन्य सहायता
1. राहत सामग्री भेजी गई – दवाइयां, खाने-पीने की चीजें और टेंट जैसी आवश्यक वस्तुएं म्यांमार भेजी जा रही हैं।
2. मेडिकल टीम तैयार – भारतीय डॉक्टरों की एक टीम भी प्रभावित इलाकों में मेडिकल सहायता देने के लिए तैयार है।
3. बचाव कार्यों में तकनीकी सहायता – भारतीय सेना और NDRF अत्याधुनिक उपकरणों के साथ राहत और बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं।
Myanmar Earthquake: भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का एक और उदाहरण
भारत ने हमेशा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत संकट के समय अपने पड़ोसी देशों की मदद की है। नेपाल, श्रीलंका और तुर्की में भूकंप या अन्य आपदाओं के दौरान भी भारत ने बिना किसी देरी के सहायता भेजी थी। अब म्यांमार के लिए भी भारत ने अपनी मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है।भारत की यह त्वरित सहायता म्यांमार के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। यह पहल न केवल मानवीय सहायता के तौर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे दोनों देशों के संबंध भी और मजबूत होंगे।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक संकट प्रबंधन शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो अपने मित्र देशों की हर आपदा में मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।