पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी ‘जन सुराज’ (जसुपा) की करारी हार के बाद Prashant Kishor (पीके) ने मंगलवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने हार की नैतिक जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली, लेकिन साथ ही एनडीए की जीत पर गंभीर सवाल उठाए।
तीन साल में जितनी मेहनत करते हुए बिहार की जनता ने देखा है उससे दोगुनी ताकत से मेहनत करते हुए आप मुझे अगले पांच साल देखेंगे… हार तब होती है जब आप प्रयास छोड़ देते हैं!! pic.twitter.com/66lszN6TrZ
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) November 18, 2025
पीके ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार अपना चुनावी वादा पूरा कर दे, तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
राजनीति छोड़ दूंगा: Prashant Kishor
चुनाव से पहले जदयू के 25 सीटों पर सिमटने की भविष्यवाणी करने वाले प्रशांत किशोर ने अब एनडीए की जीत को ‘परिस्थितिजन्य’ बताया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “मैं किस पद पर हूं कि राजनीति छोड़ दूं? मैं राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन बिहार के लोगों की बात करना कैसे छोड़ दूंगा!”
उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा, “अगर वादे के मुताबिक नीतीश कुमार अगले 6 महीनों में राज्य की डेढ़ करोड़ महिलाओं को दो-दो लाख रुपये दे देते हैं, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।”
हार का ‘प्रायश्चित’: भितिहरवा में करेंगे उपवास
Prashant Kishor ने घोषणा की कि इस हार के प्रायश्चित स्वरूप वे बुधवार, 20 नवंबर को भितिहरवा आश्रम में उपवास करेंगे। यह वही ऐतिहासिक स्थान है, जहां से उन्होंने अपनी पदयात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि 3.34 प्रतिशत वोट शेयर ही अब उनके बिहार में डटे रहने का सहारा है।
नकदी बांटकर ‘खरीदे’ गए वोट: Prashant Kishor
प्रेस वार्ता में पीके ने एनडीए की जीत का मुख्य कारण ‘सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग’ और ‘नकदी हस्तांतरण’ बताया। उनके प्रमुख आरोप:
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वोट की खरीद: चुनाव के दौरान करीब 40,000 करोड़ रुपये की योजनाएं जनता तक पहुंचाई गईं और लगभग 29,000 करोड़ रुपये नकद बांटे गए।
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टारगेटेड कैश: हर विधानसभा क्षेत्र में 60 से 62 हजार महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए गए।
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जीविका दीदियों का इस्तेमाल: जीविका दीदियों को मतदान केंद्रों पर वोट डलवाने का लक्ष्य देकर बैठाया गया।
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वोटिंग में गड़बड़ी: उन्होंने मतदान के अंतिम दो घंटों में 15 से 20 प्रतिशत वोटिंग बढ़ने पर भी सवालिया निशान लगाए।
Prashant Kishor नई सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे हार मानकर बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर (9121691216) जारी करते हुए कहा कि जिन लाभार्थियों को वादे के अनुसार राशि नहीं मिली है, वे जन सुराज से जुड़ें, उनकी लड़ाई पार्टी लड़ेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नई सरकार का चेहरा साफ-सुथरा नहीं रहा, तो सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष किया जाएगा।
