Ranchi: राज्य सरकार की महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर विफलता सामने आई है। प्रदेश प्रवक्ता, Rafia Naaz ने राज्य सरकार की महिला सुरक्षा पर कड़ी आलोचना की है।
हेमंत सोरेन के कुशासन में आज हर वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहा है और इस सबसे बड़ा उदाहरण हैं झारखंड की बेटियां।
जो हर दिन इस निकम्मी सरकार के कुशासन में पल रहे हैवानों का शिकार हो रही हैं। pic.twitter.com/vSC0s8heYT
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) February 10, 2025
महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं: Rafia Naaz
हाल ही में लोअर बाजार थाना क्षेत्र में सदर अस्पताल परिसर के डाक्टर स्टाफ क्वार्टर के तीसरे तल्ले में दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई। यह घटना मानवता को शर्मसार करने के साथ यह साबित करती है कि महिला अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। यह सिर्फ एक उदाहरण है, क्योंकि राज्य में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
उदाहरण के तौर पर हाल में ही रिम्स में एक दवाई लेने आयी महिला के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी, तब ही सरकार को चौकस हो जाना चाहिए था और महिला सुरक्षा से संबंधित सख्त कदम उठाने चाहिए थे। क्योंकि ऐसी घटनाओं से राज्य की महिलाओं के बीच सुरक्षा को लेकर भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
राज्य सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह से सोई हुई है: Rafia Naaz
राफिया नाज़ ने कहा कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह से सोई हुई है। न तो राज्य महिला आयोग का गठन हुआ है, और न ही अधिकांश पुलिस थानों में महिला पुलिस कांस्टेबल्स की पर्याप्त संख्या है। जिन थानों में महिला पुलिस कांस्टेबल्स हैं, उनकी संख्या बेहद कम है। इसके अलावा, राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट्स का अभाव है, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों का त्वरित निपटारा नहीं हो पा रहा है। इससे अपराधियों को सजा मिलने में देरी हो रही है, जिससे समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। राज्य सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि महिलाओं को सुरक्षा मिल सके। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार को महिला सुरक्षा के मामलों में अधिक सख्ती और जागरूकता की जरूरत है।
राफिया नाज़ ने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए शिक्षा, सुरक्षा, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। राज्य में महिलाओं के लिए कोई प्रभावी योजना लागू नहीं की जा रही है, जिसके कारण वे सामाजिक और शारीरिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर निरंतर हो रहे अपराधों से महिलाओं में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। हर दिन महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं और राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है।
महिला पुलिस कांस्टेबल्स की संख्या में वृद्धि करे: Rafia Naaz
भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करे और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। राफिया नाज़ ने राज्य सरकार से यह भी अपील की है कि वह महिला आयोग का गठन करे और महिला पुलिस कांस्टेबल्स की संख्या में वृद्धि करे, ताकि महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके साथ ही, उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट्स की स्थापना भी की जाए।
