रांची जिले के नगड़ी प्रखंड में प्रस्तावित RIMS-2 प्रॉजेक्ट को लेकर विवाद और गहरा गया है। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होते ही स्थानीय किसानों और ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया है।
उनका कहना है कि सरकार उपजाऊ खेती योग्य भूमि को छीनकर अस्पताल निर्माण करना चाहती है, जबकि इसके लिए बंजर या सरकारी जमीन उपलब्ध है। किसानों ने साफ कहा कि वे अपनी रैयती और भूमिहरी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। उनका आरोप है कि प्रशासन ने ग्रामीणों की राय लिए बिना ही अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
RIMS-2: विपक्षी दलों का हमला- सरकार पर आदिवासियों की भूमि हड़पने का आरोप
इस विवाद ने अब राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। विपक्षी दलों ने सरकार पर आदिवासी किसानों की जमीन छीनने का गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार जनहित की आड़ में आदिवासियों की परंपरागत भूमि पर जबरन कब्जा कर रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार वाकई में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर गंभीर है, तो रिम्स-2 को बंजर या सरकारी भूमि पर स्थापित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ग्रामीणों की सहमति के बिना किसी भी तरह का अधिग्रहण लोकतांत्रिक व्यवस्था और पांचवीं अनुसूची की आत्मा के खिलाफ है।
RIMS-2: सरकार का तर्क- स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और रोजगार का अवसर
वहीं, सरकार और प्रशासन का कहना है कि रिम्स-2 परियोजना का उद्देश्य झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है। वर्तमान रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) पर मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते नए परिसर की आवश्यकता महसूस हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना से क्षेत्र का विकास होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीणों को भी आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
हालांकि सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि ग्रामीणों की चिंताओं को दूर करने और मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर विचार किया जाएगा।
RIMS-2: आंदोलन की राह- संघर्ष समिति का गठन और सरकार को अल्टीमेटम
किसानों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। कई जगहों पर ग्रामीणों ने बैठकें कर संघर्ष समिति बनाई है और साफ कर दिया है कि जब तक सरकार अधिग्रहण की प्रक्रिया वापस नहीं लेती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। ग्रामीण संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जबरन जमीन लेने की कोशिश की तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। दूसरी ओर, विपक्षी दल भी किसानों के समर्थन में खुलकर मैदान में उतर आए हैं, जिससे आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है।
RIMS-2: आगे की चुनौती- क्या सरकार बदलेगी परियोजना स्थल या ढूंढेगी समझौता?
रिम्स-2 परियोजना राज्य की महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन जिस तरह किसानों और विपक्ष ने इसका विरोध तेज कर दिया है, उससे सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
अब देखना होगा कि राज्य सरकार किसानों की मांगों को मानकर परियोजना स्थल बदलती है या फिर बातचीत और समझौते के जरिए इस विवाद का समाधान तलाशती है।
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