Raipur: CM Hemant Soren: विविधता में एकता हमारे देश की पहचान है । हर धर्म, मजहब और जाति के लोग यहां दशकों से आपसी एकजुटता और मजबूती के साथ रहते आए हैं और पूरी दुनिया इसका लोहा मानती है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM @bhupeshbaghel @ChhattisgarhCMO pic.twitter.com/cDU6V2rOdH
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) November 3, 2022
अगर हम अपने देश को विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि सभी वर्गों, समूह और तबके का समुचित और समेकित विकास हो। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग की समस्याओं का निदान जरूरी: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड, बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्ग की कई समस्याओं का समाधान देश के आजाद होने के 75 सालों के बाद भी नहीं हो सका है । हमारी सरकार इनकी समस्याओं का समाधान करने के साथ इनके आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास कर रही है। झारखंड और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए विशेष समारोह का आयोजन इसी कड़ी का हिस्सा है।
सदियों से संघर्षरत रहा है आदिवासी समुदाय: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय सदियों से अहम भूमिका निभाता आ रहा है। यह एक ऐसा वर्ग है जो सदियों से संघर्षरत रहा है। आज हमारी और छत्तीसगढ़ की सरकार इस समुदाय को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
छत्तीसगढ़ और झारखंड में कई समानताएं: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ भाई -भाई हैं। दोनों ही राज्यों में कई समानताएं हैं। दोनों ही राज्यों में आदिवासियों की एक बड़ी आबादी निवास करती है। अगर आप इन दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों में चले जाएं तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि कौन छत्तीसगढ़ का क्षेत्र है और कौन झारखंड का। यही विशेषता दोनों राज्य को एक-दूसरे के बेहद करीब लाती है।
झारखंड में पहली बार हुआ भव्य आदिवासी दिवस समारोह: CM Hemant Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की लगभग 28-30 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है ।लेकिन, अलग राज्य बनने के बाद कभी भी आदिवासियों के लिए कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए । हमारी सरकार ने पहली बार इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी शामिल हुए। हमने यह आयोजन आपके राज्य में हुए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव से प्रेरित होकर किया ताकि आदिवासियों की पहचान को पूरी मजबूती के साथ देश दुनिया के सामने दिखा सके ।