ट्रंप के टैरिफ हमले पर चीन की 125% की पलटवार स्ट्राइक, USA को दिया करारा जवाब

USA और चीन के बीच चल रही व्यापारिक तनातनी अब चरम पर पहुंच चुकी है। शुक्रवार को चीन ने अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया।

यह कदम अमेरिका द्वारा चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगाने के जवाब में उठाया गया है। चीन ने स्पष्ट किया है कि अब अमेरिका के साथ व्यापार करना व्यवहारिक नहीं रह गया है और अगर अमेरिका फिर कोई और कदम उठाता है, तो बीजिंग उसका जवाब नहीं देगा, क्योंकि अब उसे ट्रंप की नीतियां केवल मजाक लगती हैं।

USA News: टैरिफ युद्ध में एक के बाद एक झटके

इस महीने की शुरुआत से ही अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार तेज होता गया। पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 34% अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की, जिसे लागू होने से कुछ ही घंटे पहले बढ़ाकर 145% कर दिया गया। इसके तुरंत बाद चीन ने भी पलटवार करते हुए बुधवार को अमेरिकी सामानों पर शुल्क 50% से बढ़ाकर 84% कर दिया। फिर शुक्रवार को उसे 125% तक पहुंचा दिया गया।

चीन ने कहा कि अब अमेरिकी सामान उसके बाजार में टिक नहीं पाएगा। साथ ही यह भी दोहराया कि अगर अमेरिका उसके अधिकारों का उल्लंघन करता है, तो वह अंत तक जवाब देगा और नुकसान की पूरी जिम्मेदारी वॉशिंगटन की होगी।

USA tariff war: अब सर्विसेज और लोगों तक बढ़ा तनाव

टकराव अब सिर्फ उत्पादों तक सीमित नहीं रह गया है। चीन ने अमेरिकी फिल्मों की संख्या में कटौती कर दी है और नागरिकों को अमेरिका यात्रा को लेकर सतर्क किया है। छात्रों को भी अमेरिकी राज्यों में पढ़ाई से जुड़ी संभावित जोखिमों की चेतावनी दी गई है।

व्यापारिक आंकड़े और असर

2025 से पहले दोनों देशों के बीच टैरिफ औसतन 20% से कम थे, लेकिन अब हालात काफी बदल गए हैं। अमेरिका और चीन के बीच हर साल करीब 700 अरब डॉलर का व्यापार होता है। टैरिफ बढ़ने से कंपनियों और उपभोक्ताओं को सप्लाई चेन में बदलाव करना पड़ेगा। अमेरिका का चीन से सबसे बड़ा आयात स्मार्टफोन, लैपटॉप और लिथियम-आयन बैटरियां है, जबकि चीन को सबसे अधिक निर्यात एलपीजी, कच्चा तेल, सोयाबीन, गैस टर्बाइन और सेमीकंडक्टर मशीनें हैं।

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