नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्रांति के लिए जमीनी तैयारी कर रही है, खासकर दक्षिण भारत में।
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Met with Shri P. M. S. Prasad, Executive Director & Member of the Board, Reliance Industries Limited, and Shri PVL Madhava Rao, Mentor–South, Reliance Industries Limited. Delighted to share that Reliance has made landmark… pic.twitter.com/bbi7SB0gCj— N Chandrababu Naidu (@ncbn) November 14, 2025
कंपनी ने तमिलनाडु में AI के लिए जरूरी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश किया है और अब अपनी AI क्षमताओं का विस्तार करते हुए पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में एक विशाल डेटा सेंटर बनाने की घोषणा की है।
Reliance News: तमिलनाडु में AI की नींव
इस साल जनवरी 2024 में, मुकेश अंबानी ने ‘तमिलनाडु ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट’ के दौरान चेन्नई में एक अत्याधुनिक (state-of-the-art) डेटा सेंटर का शुभारंभ किया था।
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साझेदारी: यह फैसिलिटी ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट और डिजिटल रियलिटी के साथ साझेदारी में विकसित की गई थी।
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उद्देश्य: उस समय, श्री अंबानी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर, जियो के 5G रोलआउट के साथ मिलकर, “तमिलनाडु को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य उन्नत तकनीकों का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।”
Reliance की राष्ट्रव्यापी AI रणनीति
चेन्नई का डेटा सेंटर तमिलनाडु के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन रिलायंस की एक विशाल राष्ट्रव्यापी AI रणनीति भी है जिसका फायदा राज्य को भी मिलेगा:
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रिलायंस-मेटा ज्वाइंट वेंचर: अक्टूबर 2025 में, रिलायंस ने मेटा (फेसबुक की मूल कंपनी) के साथ एक बड़े ज्वाइंट वेंचर की घोषणा की। इसका मकसद मेटा के ओपन-सोर्स Llama AI मॉडल का उपयोग करके भारतीय व्यवसायों के लिए एंटरप्राइज-ग्रेड AI समाधान बनाना है।
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गूगल के साथ साझेदारी: कंपनी भारत में AI के विकास और उसे अपनाने में तेजी लाने के लिए गूगल के साथ भी साझेदारी कर रही है।
ये पहलें तमिलनाडु और देश भर के व्यवसायों को AI सेवाएं और प्लेटफॉर्म प्रदान करेंगी।
आंध्र प्रदेश में 1 गीगावाट का नया AI हब
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 2024 का निवेश तमिलनाडु में था, लेकिन रिलायंस की सबसे हालिया (नवंबर 2025) और बड़ी घोषणा आंध्र प्रदेश के लिए है।
कंपनी आंध्र प्रदेश में एक नया 1 गीगावाट (1 GW) का AI-केंद्रित डेटा सेंटर स्थापित करने जा रही है। इस नई फैसिलिटी को विशेष रूप से आधुनिक AI मॉडलों की भारी प्रोसेसिंग मांगों को संभालने के लिए ही डिजाइन किया जा रहा है।
