Patna: Nishant Kumar: राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
मीडिया/सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आज बड़े भाई आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी के सुपुत्र निशांत का जन्मदिन है।
खुशी के इस अवसर पर जेडीयू की नई उम्मीद निशांत को जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें।
इस अवसर पर आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी… pic.twitter.com/5CeZiW4KHH
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) July 20, 2025
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कुशवाहा ने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को जेडीयू की अगली पीढ़ी की राजनीति का चेहरा बताया जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि “मैं जो कुछ कह रहा हूं, जदयू के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग कह भी सकते हों, तो वैसे लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे।” यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से जेडीयू के भीतर के दबे हुए असंतोष और नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चा को उजागर करती है।
Nishant Kumar की सियासत में दिलचस्पी?
नीतीश कुमार के बेटे निशांत अब तक राजनीति से दूर रहते आए हैं। वे अपने निजी जीवन और आध्यात्मिक झुकाव के लिए जाने जाते हैं। लेकिन हाल ही में जिस तरह कुछ राजनीतिक नेताओं ने उन्हें “जेडीयू की नई उम्मीद” कहा है, उससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या अब निशांत सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे?
Nishant Kumar News: दूसरे दल के दिग्गज की टिप्पणी और कुशवाहा की बधाई
सबसे दिलचस्प बात यह है कि निशांत कुमार को “नई उम्मीद” कहने वाला कोई जेडीयू नेता नहीं बल्कि विपक्षी दल का एक वरिष्ठ नेता था। ऐसे में यह बयान राजनीतिक समीकरणों के नए संकेत देता है। उपेंद्र कुशवाहा ने इस पर सार्वजनिक रूप से बधाई दी और यह भी कहा कि शायद जेडीयू के नेता अपनी बात मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचा पाते हैं। इससे संकेत मिलता है कि जेडीयू के अंदरूनी संवाद और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज
नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार की राजनीति के केंद्र में हैं लेकिन उनकी उम्र और सेहत को देखते हुए अब यह सवाल उठने लगे हैं कि जेडीयू की अगली कमान किसे सौंपी जाएगी। क्या पार्टी एक परिवारवादी राजनीति की ओर बढ़ेगी या किसी वरिष्ठ नेता को मौका देगी? उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं के बयान इसी बदलाव की ओर संकेत कर रहे हैं।
Nishant Kumar news: क्या जेडीयू में नए युग की शुरुआत?
अगर निशांत कुमार राजनीति में आते हैं तो यह जेडीयू के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। हालांकि पार्टी को यह तय करना होगा कि वह विरासत की राजनीति अपनाएगी या लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नेतृत्व का चयन करेगी। साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि पार्टी के पुराने नेता और कार्यकर्ता इस बदलाव को कैसे स्वीकारते हैं।उपेंद्र कुशवाहा का बयान केवल व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि जेडीयू की अंदरूनी राजनीति में चल रही हलचल का संकेत है। नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर बहस शुरू हो चुकी है और अगर निशांत कुमार सच में आगे आते हैं, तो बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आ सकता है।
