Ranchi: झारखंड में ‘Maiya Samman Yojana’ को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया है कि 18 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ क्यों नहीं मिला? मरांडी ने सरकार पर योजना में अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि महिलाओं के हक का पैसा उन्हें क्यों नहीं दिया गया।
क्या है ‘Maiya Samman Yojana’?
‘मईयां सम्मान योजना’ झारखंड सरकार द्वारा चलाई गई एक महिला सशक्तिकरण योजना है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था। इसके तहत पात्र महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जानी थी, लेकिन अब यह योजना विवादों में घिर गई है।
बीजेपी का सरकार पर आरोप
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार से सवाल किया कि आखिर 18 लाख महिलाओं को योजना का पैसा क्यों नहीं मिला? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने वादे तो किए, लेकिन जमीनी स्तर पर लाभार्थियों तक पैसा नहीं पहुंचा।
मरांडी ने कहा कि “सरकार ने महिलाओं को सिर्फ सपने दिखाए, लेकिन जब देने की बारी आई तो पैसा कहां चला गया?” उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने की मांग भी की है।
क्या है हेमंत सोरेन का पक्ष?
अब तक हेमंत सोरेन की ओर से इस मुद्दे पर कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेताओं का कहना है कि बीजेपी सिर्फ राजनीति कर रही है। उनका दावा है कि योजना को लागू करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थीं, जिसकी वजह से कुछ महिलाओं को पैसा नहीं मिला।
Maiya Samman Yojana: महिलाओं में आक्रोश, सवालों के घेरे में सरकार
इस योजना से जुड़ी लाखों महिलाएं अब सरकार से सवाल पूछ रही हैं। कई लाभार्थियों का कहना है कि *उन्होंने योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली। इससे महिलाओं में **नाराजगी बढ़ रही है*, और अब यह मुद्दा राजनीतिक रूप से गरमाता जा रहा है।
Maiya Samman Yojana: क्या होगी आगे की कार्रवाई?
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। देखना होगा कि क्या झारखंड सरकार इस पर कोई जांच बैठाती है या यह मामला सिर्फ राजनीतिक बहस तक सीमित रह जाता है। फिलहाल, बीजेपी ने साफ कर दिया है कि अगर महिलाओं को उनका हक नहीं मिला, तो वे इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाएंगे।
‘मईयां सम्मान योजना’ का उद्देश्य झारखंड की महिलाओं को आर्थिक सहारा देना था, लेकिन अगर 18 लाख महिलाओं को उनका हक नहीं मिला, तो यह एक बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। अब सवाल यह है कि सरकार कब तक इस पर चुप्पी साधे रहेगी, और क्या महिलाओं को उनका हक मिलेगा?