
रांची। Jharkhand सरकार द्वारा प्रस्तावित सचिवालय अनुदेश में संशोधन की खबर सामने आते ही सचिवालय सेवा के पदाधिकारियों में हलचल मच गई है।
संशोधन के बहाने पदों में कटौती की आशंका से चौकन्ने हुए सचिवालय कर्मियों ने इस बार रणनीति बदलते हुए आंदोलन के बजाय सीधा संवाद का रास्ता अपनाया। कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार के छह मंत्रियों से व्यक्तिगत मुलाकात कर प्रस्ताव की खामियों को उजागर किया और अपनी आपत्तियों से अवगत कराया।
Jharkhand: सचिवालय सेवा को केंद्र की तर्ज पर रखने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रियों को बताया कि राज्य सचिवालय सेवा की संरचना केंद्र की सचिवालय सेवा के अनुरूप बनाई गई है, जिसमें दो सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों (AAPO) पर एक प्रशाखा पदाधिकारी (PO) का प्रावधान है। लेकिन, प्रस्तावित संशोधन में यह अनुपात तीन AAPO पर एक PO का कर दिया गया है। इससे न सिर्फ PO के पदों की संख्या में कटौती होगी, बल्कि उच्च पदों की संख्या में भी गिरावट आएगी, जिससे पदोन्नति के अवसर भी सीमित हो जाएंगे।

Jharkhand News: काम का बोझ बढ़ा, फिर भी कटौती की कोशिश
कर्मियों का आरोप है कि सचिवालय में कार्यभार लगातार बढ़ रहा है, फिर भी कुछ वरिष्ठ अधिकारी सचिवालय सेवा के प्रति व्यक्तिगत दुराग्रह रखते हुए रिक्त पदों को भरने के बजाय पद कटौती कराने में लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के संशोधन से सचिवालय सेवा की संरचना और कार्यकुशलता प्रभावित होगी।
Jharkhand कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव नहीं आया, मंत्रियों ने दिया आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल की ओर से बताया गया कि मंत्रियों ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे। हालांकि, आज हुई कैबिनेट बैठक के एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल नहीं किया गया। सचिवालय कर्मियों की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो वे आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
इस बीच, सेवा से जुड़े कर्मी संशोधन प्रस्ताव को लेकर सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर भी सक्रिय हो गए हैं।



