Rohit Sharma लेना चाहते थे MS धोनी जैसा विदाई, BCCI ने नहीं दी इजाजत — टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास
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Rohit Sharma wanted to take a retirement like MS Dhoni
नई दिल्ली: भारत के स्टार बल्लेबाज़ और टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान Rohit Sharma ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, रोहित टेस्ट सीरीज के दौरान, एमएस धोनी की तरह बीच में रिटायरमेंट लेना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद रोहित ने सीरीज शुरू होने से पहले ही संन्यास लेने का फैसला कर लिया।
Rohit Sharma : धोनी जैसा विदाई चाहते थे रोहित
2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर महेंद्र सिंह धोनी ने तीसरे टेस्ट के बाद अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। रोहित भी इसी अंदाज़ में सीरीज के बीच में रिटायरमेंट लेना चाहते थे, ताकि वह मैदान पर आखिरी बार भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी कर सकें। लेकिन, BCCI ने न सिर्फ इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, बल्कि रिपोर्ट्स के अनुसार, वे रोहित को कप्तानी से हटाकर किसी और की अगुवाई में इंग्लैंड भेजने की तैयारी में थे। इसके चलते रोहित ने संन्यास का ऐलान कर दिया।
Rohit Sharma : गिल और पंत की कप्तानी की रेस
रोहित के संन्यास के बाद अब भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की कमान किसे सौंपी जाए, इस पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शुभमन गिल और ऋषभ पंत को लेकर बीसीसीआई चयन समिति में चर्चा चल रही है। हालांकि, गिल की जगह टीम में स्थायी नहीं मानी जा रही है, इसलिए उन्हें उप-कप्तान बनाए जाने की बात कही जा रही है। टीम की घोषणा 23 मई के आसपास होने की उम्मीद है।
Rohit Sharma : गावस्कर का समर्थन गिल के नाम पर
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने शुभमन गिल के नाम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट युवा कप्तानों को तैयार करने के लिए एक आदर्श मंच हैं। गावस्कर के अनुसार, गिल, पंत और अय्यर जैसे खिलाड़ी धोनी, रोहित और कोहली के मिश्रण जैसे हैं, लेकिन उन्हें उस स्तर तक पहुंचने में अभी दो साल लग सकते हैं।
“गिल में धोनी की स्थिरता, रोहित की सूझबूझ और कोहली की आक्रामकता दिखती है,” — सुनील गावस्कर
एक युग का अंत
रोहित शर्मा और विराट कोहली, दोनों के टेस्ट संन्यास ने भारतीय टेस्ट टीम में एक युग का समापन कर दिया है। बीसीसीआई के लिए अब नई लीडरशिप तैयार करना बड़ी चुनौती बन गई है, खासकर तब जब भारत को आगामी विदेशी दौरों और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए मजबूत टीम खड़ी करनी है।