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झारखण्ड पुलिस नियम कानून को ठेंगा दिखाकर कर रही काम: Babulal Marandi

गंभीर आपराधिक मामले की जांच डीआईजी बजट के जिम्मे

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष Babulal Marandi ने झारखंड पुलिस मुख्यालय की कार्यशैली और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा किया है।

मरांडी ने आरोप लगाया है कि झारखंड पुलिस नियम-कानूनों को ताक पर रखकर काम कर रही है, जिसका प्रमाण रांची के एक गंभीर आपराधिक मामले की जाँच का जिम्मा पुलिस डीआईजी (बजट) को सौंपना है।

Babulal Marandi: यह पुलिस मुख्यालय का कैसा मज़ाक है?

बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में झारखंड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पर निशाना साधते हुए कहा:

“झारखंड पुलिस मुख्यालय का यह कैसा मज़ाक है? राजधानी रांची में एसएसपी, डीआईजी और आईजी जैसे उच्च-रैंकिंग अधिकारी हैं, लेकिन जब रांची के गोंदा और नामकुम थानों से जुड़े एक गंभीर आपराधिक मामले (आवेदिका खुशी तिवारी के अभ्यावेदन) की जाँच समीक्षा करने की बारी आई, तो यह काम पुलिस डीआईजी (बजट) को सौंपा गया है।”

मरांडी ने सवाल किया कि क्या डीजीपी की नज़र में रांची में तैनात उच्च अधिकारी इतने सक्षम नहीं हैं कि उन्हें वित्तीय मामलों के डीआईजी को जाँच का काम सौंपना पड़ा? उन्होंने इसे “पुलिस बल की अक्षमता और नियमों के घोर उल्लंघन का प्रमाण” बताया।

 

Babulal Marandi News: IRB/JAP जवानों को क्लर्क बनाने पर भी आपत्ति

प्रदेश अध्यक्ष ने पुलिस विभाग में नियमों के कथित उल्लंघन की तुलना करते हुए एक और गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार आईआरबी (IRB) / जैप (JAP) बटालियन की महिला आरक्षियों को उनके विशेष प्रशिक्षण के विपरीत, थानों में मुंशी (क्लर्क) का गैर-कानूनी काम दे रही है। इससे कई बटालियनों का 15% से अधिक बल अनआर्म्ड ड्यूटी में चला जा रहा है।

उन्होंने तंज कसते हुए पूछा:

“कल को क्या जैप के बाकी जवानों को भी अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था संभालने के बजाय हिसाब-किताब के लिए बजट विभाग में भेज देंगे, ताकि जब केंद्र सरकार को चुनाव या अन्य ड्यूटी के लिए बल चाहिए हो, तो राज्य सरकार ‘असुविधा’ के लिए खेद प्रकट कर सके?”

 

Babulal Marandi News: रिटायर्ड आईपीएस पर निशाना

 

बाबूलाल मरांडी ने अंत में राज्य पुलिस व्यवस्था में ‘अंधेरेगर्दी’ की आलोचना करते हुए रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग में सब कुछ बिना नियम-कानून के ठीक वैसे ही चलता है, जैसे संवैधानिक कायदे-कानून और अखिल भारतीय पुलिस सेवा के नियमों को ठेंगा दिखाकर एक रिटायर्ड आईपीएस वर्दी पहन कर डीजीपी के पद को चला रहे हैं?

मरांडी ने मांग की कि अगर रांची के उच्च अधिकारी जाँच का बुनियादी काम भी नहीं कर सकते, तो उन्हें तुरंत पद से हटा देना चाहिए।

 

 

 

 

 

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