Jharkhand HC में सोमवार को होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने से जुड़े अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत में गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल तो मौजूद रहीं, लेकिन डीजीपी अनुपस्थित रहे।
इस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि कोर्ट के आदेश को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
हाईकोर्ट ने पहले डीजीपी और गृह सचिव को 18 अक्टूबर 2024 को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की दलील पर कोर्ट ने आदेश में संशोधन करते हुए डीजीपी की जगह डीजी (होमगार्ड) को अगली सुनवाई में हाजिर होने का निर्देश दिया। गृह सचिव को उपस्थिति से छूट दी गई है।
Jharkhand HC: अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
इस मामले में झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अजय प्रसाद ने अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में अदालत के आदेशानुसार होमगार्ड जवानों को पुलिसकर्मियों के समान वेतन और एरियर देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट पहले ही झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर चुका है।
हाईकोर्ट ने पहले ही 25 अगस्त 2017 से आदेश लागू करने और एरियर का भुगतान दो माह के भीतर करने का निर्देश दिया था। आदेश का पालन न होने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को सशरीर उपस्थिति का निर्देश दिया है।