
झारखंड में Guillain Barre Syndrome (GBS) के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। हाल ही में एक और संदिग्ध मरीज को रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी के रोकथाम को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियों को मिला निर्देश । pic.twitter.com/o2kzEEd06B
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) January 31, 2025
डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) खुद नसों पर हमला करने लगती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और लकवे जैसे लक्षण उभरते हैं।
क्या है Guillain Barre Syndrome?
GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं। यह आमतौर पर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होती है। शुरुआत में मरीज को हाथ-पैरों में झुनझुनी, कमजोरी और दर्द महसूस होता है, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर सांस लेने में दिक्कत और पूरे शरीर में लकवा भी हो सकता है।
झारखंड में Guillain Barre Syndrome के बढ़ते मामलों पर चिंता
झारखंड में बीते कुछ महीनों में GBS के कई मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मुख्य कारण वायरल संक्रमण, स्वच्छता की कमी और जागरूकता की कमी हो सकता है। रिम्स के डॉक्टरों ने मरीजों की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी है और स्वास्थ्य विभाग भी इस बीमारी पर नजर बनाए हुए है।
GBS के लक्षण और बचाव के उपाय
लक्षण:
– हाथ-पैरों में कमजोरी और झुनझुनी
– तेज दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत
– हृदय गति और रक्तचाप में बदलाव
– सांस लेने में परेशानी (गंभीर अवस्था में)
बचाव:
– किसी भी वायरल संक्रमण के बाद सावधानी बरतें
– शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करें
– संतुलित आहार लें और स्वच्छता का ध्यान रखें
– संक्रमण के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को GBS के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर इलाज होने से मरीज की हालत में सुधार आ सकता है। झारखंड में इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी सतर्कता बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता जताई है।