
बोकारो, 30 जनवरी 2025: झारखंड सरकार की Maiya Samman Yojana (JMMSY) में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर 94 अलग-अलग फर्जी आवेदनों को भरा गया, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
Maiya Samman Yojana में सेंध लगाने की कोशिश
बोकारो जिले में हुए फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान यह मामला सामने आया। उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा जांच में पाया गया कि इंडसइंड बैंक के एक ही खाते का उपयोग अलग-अलग नामों से 94 बार आवेदन करने में किया गया।
Maiya Samman Yojana News: इन प्रखंडों में हुआ फर्जीवाड़ा
प्रशासन की जांच में सामने आया कि फर्जी आवेदन अलग-अलग प्रखंडों से किए गए, जिनकी संख्या इस प्रकार है:
- चंदनकियारी – 49 आवेदन
- कसमार – 20 आवेदन
- बेरमो – 12 आवेदन
- गोमिया – 7 आवेदन
- चास और नावाडीह – 2-2 आवेदन
- चास नगर निगम और चंद्रपुरा – 1-1 आवेदन
Maiya Samman Yojana News: बंगाल और बिहार से जुड़े तार
यह फर्जीवाड़ा पलामू (झारखंड) और किशनगंज (बिहार) में स्थित कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) संचालकों द्वारा किया गया। जांच में तीन अलग-अलग CSC केंद्रों से यह आवेदन भरे जाने की पुष्टि हुई:
- CSC ID: 243621130028
- ऑपरेटर: विक्कु कुमार रवि
- स्थान: पलामू
- मोबाइल: 8873482243
- CSC ID: 542316220013
- ऑपरेटर: सुमित कुमार
- स्थान: पलामू
- मोबाइल: 9122397271
- CSC ID: 423664770011
- ऑपरेटर: फरयाद आलम
- स्थान: किशनगंज, बिहार
एक ही बैंक खाते का हुआ इस्तेमाल
जांच में पाया गया कि इंडसइंड बैंक का खाता संख्या 100253493007, जिसका खाताधारक सुफनी खातुन (पता – मोतिविट्टा, कांटी, झारगांव, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) था, 94 अलग-अलग नामों से भरे गए आवेदनों में इस्तेमाल हुआ।
आदिवासी नामों का इस्तेमाल और फर्जी राशन कार्ड
फर्जीवाड़े को और विश्वसनीय दिखाने के लिए आवेदकों के नाम में ‘मुर्मू’, ‘हांसदा’, ‘मंडल’ जैसे आदिवासी उपनाम जोड़े गए। साथ ही, कई फर्जी राशन कार्ड नंबर दर्ज किए गए, जिनकी पुष्टि जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने की।
31 अक्टूबर और 1 नवंबर को भरे गए कई आवेदन
संदिग्ध आवेदनों की जांच में यह भी पाया गया कि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को एक ही बैंक खाते से बार-बार आवेदन किए गए।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश
उपायुक्त विजया जाधव ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए खाताधारक और अन्य दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का निर्देश दिया है।
राशि ट्रांसफर होने से पहले ही पकड़ में आई गड़बड़ी
कुछ फर्जी आवेदन ब्लॉक स्तर (BLO/CO) से स्वीकृत भी हो चुके थे, लेकिन उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इन आवेदनों को रोक दिया, जिससे सरकारी फंड के दुरुपयोग को टाला जा सका।
बोकारो में 11,200 डुप्लीकेट आवेदन मिले
जिले में योजना के सत्यापन के दौरान कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन पाए गए हैं। इनका पुनः भौतिक सत्यापन आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। सत्यापन के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने ठोस कार्रवाई का दिया आश्वासन
राज्य सरकार ने साइबर ठगी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए योजनाओं की जांच और कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और साइबर सेल को भी इस मामले की जांच सौंपी है।