Ranchi: CM Champai Soren: हर खेत तक पानी पहुंचाना राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए सिंचाई सुविधाओं का विस्तार जरूरी है।
आज मुख्यमंत्री श्री @ChampaiSoren ने झारखंड मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की योजनाओं को लेकर वरीय अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
इस दौरान उनके द्वारा अधिकारियों को योजनाओं की गति तेज करने समेत कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। pic.twitter.com/UUudCqviEH
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) June 28, 2024
हमारे किसान सालों भर कृषि कर सकें, इसके लिए खेतों में पटवन की व्यवस्था होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज जल संसाधन विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में विभिन्न सिंचाई योजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए उसके निर्माण कार्य में तेजी लाने का अधिकारियों को निर्देश दिया।
भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई परियोजनाओं पर दिया विशेष जोर: CM Champai Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सिंचाई की कई आधुनिकतम तकनीकें हैं। इसमें मेगा लिफ्ट और भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई परियोजनाएं काफी कारगर साबित हो रही हैं। झारखंड में भी भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई परियोजनाओं को विस्तारित किया जा रहा है। इससे फायदा है कि ना तो जमीन अधिग्रहण की समस्या आएगी और ना ही डैम और जलाशय की वजह से गांव डूबेंगे।
इसके साथ भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से एक बड़े इलाके में बिना किसी अड़चन के काफी कम समय में सिंचाई सुविधाओं को पहुंचा सकते हैं। इससे जल का भी ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग हो सकेगा।
छोटी और लघु सिंचाई परियोजनाओं पर करें फोकस: CM Champai Soren
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग से कहा कि वह छोटी सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष जोर दे। इससे खेतों में जल्द पानी पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने में काफी ज्यादा समय लगता है । इसकी लागत राशि भी काफी ज्यादा होती है और विस्थापन की समस्या पैदा होती है। ऐसे में छोटी-छोटी सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन से इस तरह की समस्याएं नहीं आएगी।
विस्थापन से जुड़ी समस्याओं का हो समाधान: CM Champai Soren
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में ऐसी कई बड़ी सिंचाई परियोजनाएं वर्षों से लंबित है। उनके कार्य की गति काफी धीमी है। इन सिंचाई परियोजनाओं की वजह से विस्थापन से जुड़ी कई समस्याएं सामने आती है। ऐसे में विस्थापितों के समस्याओं का समाधान समाधान हो जाना चाहिए। विस्थापितों के पुनर्वास और मुआवजा से संबंधित मामले लंबित नहीं रहने चाहिए । उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को इस तरह से धरातल पर उतरे कि कम से कम विस्थापन की नौबत आए।
सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली आज की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा से सिंचाई एक टिकाऊ और बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। ऐसे में सोलर सिंचाई प्रणालियों का इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि सिंचाई पंपों और ड्रिप सिंचाई प्रणालियों को चलाने के लिए इसका इस्तेमाल होना चाहिए। इससे पर्यावरण के साथ पानी की बर्बादी को कम करने और फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसका फायदा है कि किसानों को सिंचाई के लिए बिजली पर अनावश्यक खर्च नहीं करना पड़ेगा।
इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव श्री एल०खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अरवा राजकमल, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री प्रशांत कुमार , अभियंता प्रमुख श्री संजय कुमार समेत अन्य अभियंता भी मौजूद थे।