BJP प्रदेश कार्यसमिति बैठक के दूसरे सत्र की बैठक

Dumka: BJP News: दुनियां के सर्वमान्य नेता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में भारत पुनः विश्व गुरू के रूप में उभर रहा है।

उनके द्वारा सांस्कृतिक पुनरुद्धार में राम मंदिर का निर्माण कार्य, भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक जैसे ऐतिहासिक कार्यों के साथ गरीब कल्याण, सुशासन, समावेशी विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किये गये कार्यों की अमिट छाप जन-जन के हृदय में समाई है। केन्द्र सरकार के सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी निर्णयों से सबका साथ, सबका विकास का सपना साकार हो रहा है। वैश्विक मंदी के दौर में भी भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की नीतियों और इसके प्रति उनकी सशक्त प्रतिबद्वता पर मुहर लगाती है।

BJP News: भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना विश्व पटल पर भारत के बढ़ते महत्व का परिचायक है

जब विपक्षियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था का हाल श्रीलंका सरीखे होने की बात कहकर मोदी सरकार की नीतियों का उपहास उड़ाया जा रहा था उसी दौरान भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनियां की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना विश्व पटल पर भारत के बढ़ते महत्व का परिचायक है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनेक असाधारण उपलब्धियों से देश का हर नागरिक गौरवान्वित है।

स्वच्छ भारत अभियान, जनधन योजना, उज्जवला योजना, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, वन नेशन-वन राशन कार्ड, नागरिकता संशोधन कानून, अनुच्छेद-370 और तीन तलाक को समाप्त करना आदि के रूप में मोदी सरकार के ऐतिहासिक कार्यो की लंबी श्रृंखला है।

कोरोना काल में 20 लाख करोड़ का आर्थिक राहत पैकेज देश के लिए वरदान साबित हुआ। देश के 81.36 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराना अंत्योदय के लक्ष्य को साकार कर रहा है। आज आत्मनिर्भर भारत की सोच तेजी से साकार हो रहा है। मोदी सरकार के साहसिक निर्णयों का ही नतीजा है कि देश के युवा आज स्टार्टअप योजना, मुद्रा योजना की बदौलत रोजगार का सृजन कर नौकरी मांगने की बजाय दूसरों को नौकरी प्रदाता बन रहे हैं।

BJP News: 462 एकलव्य विद्यालय की सौगात दी गई

मोदी सरकार में जनजाति समुदाय को देश स्तर पर मिले सौगातों को देखा जाए तो आदिवासी कल्याण का बजट 21 हजार करोड़ से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ किया गया। आवास के क्षेत्र में 3 गुणा वृद्धि की गई। 1.30 करोड़ आदिवासी घरों में पेयजल की व्यवस्था, 1.45 करोड़ घरों में शौचालय की व्यवस्था, 3 करोड़ से अधिक जनजातीय किसानों को प्रतिवर्ष डीबीटी के माध्यम से 6000 रूपया प्रतिवर्ष खाते में पहुंचाई जा रही है। 462 एकलव्य विद्यालय की सौगात दी गई।

भगवान बिरसा की जयंती को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस घोषित करना, झारखंड की नतिनी श्रीमति द्रोपदी मुर्मू को देश का पहला आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनाना,अंडमान निकोबार के एक द्वीप का नाम अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का के नाम रखना यह दर्शाता है कि मोदी सरकार जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है।

BJP 2024 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प व्यक्त करती है

भारतीय जनता पार्टी की यह प्रदेश कार्यसमिति माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बढ़ता भारत, बदलता भारत के लक्ष्य को साकार होने के लिए उनका हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन करती है। यह कार्यसमिति पार्टी के यशस्वी राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जेपी नड्डा जी के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का स्वागत और अभिनन्दन करती है। साथ ही उनके कुशल नेतृत्व में पार्टी की सांगठनिक संरचना को बूथ स्तर तक धारदार एवं मजबूत बनाते हुए वर्ष 2024 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प व्यक्त करती है।

अपना झारखण्ड प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दिलों में बसता है। मोदी सरकार झारखंड निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी के विकसित झारखण्ड के स्वप्न को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। झारखंड को मोदी सरकार ने दिल खोलकर सौगात दिया है। राज्य में 13 हजार करोड रुपये से हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण, कोयला उत्पादन में मिले लाभ से 2 साल में झारखंड को 19 हजार करोड़ रूपये, मुद्रा योजना के तहत 3689 करोड़ के ऋण का वितरण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में अब तक 1754 किलोमीटर की सड़क की मंजूरी , झारखंड को 8301 करोड़ रूपये डीएमएफटी फंड की राशि मिली है।

BJP News: रांची में कैंसर अस्पताल के साथ पांच मेडिकल काॅलेज का सौगात

90 लाख लाभार्थी को आयुष्मान भारत योजना का लाभ, प्रधानमंत्री आवास योजना में 14 लाख से ज्यादा लाभार्थी, किसान सम्मान निधि योजना में 27 लाख से ज्यादा लाभार्थी, फसल बीमा योजना में 44 लाख से ज्यादा, उज्ज्वला योजना से 33 लाख माताएं-बहनें लाभार्थी हुई हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 40 लाख लाभार्थियों को शौचालय मिला। इसके साथ ही राज्य की बुनियादी सुविधाओं में तेजी से विकास को गति दी जा रही है। देवघर, दुमका, बोकारो में एयरपोर्ट निर्माण का कार्य शुरू हुआ है। पतरातू में पावर प्लांट का निर्माण कार्य जारी है। रांची में कैंसर अस्पताल के साथ पांच मेडिकल काॅलेज का सौगात भी इसमें शामिल है।

प्रदेश का महत्वपूर्ण भू भाग संथाल परगना क्षेत्र के विकास पर मोदी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री के देवघर दौरे के दौरान बाबाधाम में एयरपोर्ट और एम्स सहित पूरे राज्य को 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात मिली है। इसी देवघर की पावन धरती पर 1000 करोड़ की लागत से 48 किलोमीटर लंबी बाईपास की योजना प्रस्तावित है। साहेबगंज बंदरगाह के अलावा संताल परगना में रेल मार्गो का जाल बिछाया गया है। साहेबगंज बंदरगाह पर गंगा विलास क्रुज के ठहराव ने देश विदेश के पर्यटकों को झारखंड की लोक संस्कृति और परंपरा से जोड़ा है।यह ऐतिहासिक पहल झारखंड में पर्यटन की नई क्रांति लाएगी।

एक ओर केंद्र सरकार संथाल परगना के विकास के मार्ग को प्रशस्त कर रही है वही दूसरी ओर हेमन्त सरकार इस क्षेत्र को लूट और भ्रष्टाचार का केंद्र बिंदु बना रही है।यह क्षेत्र राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति के कारण गौ तस्करी का सुरक्षित क्षेत्र बन चुका है।केवल साहेबगंज जिला में 1000 करोड़ से ज्यादा के अवैध खनन घोटाले उजागर हुए हैं।

BJP ने विकास की लकीर जहां तक खींची थी उसे भी मिटाने का काम इस निकम्मी सरकार ने किया है

दिसम्बर 2019 में मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखा कर शपथ लेने वाली झारखंड सरकार ने राज्य की जनता को सिवाय निराशा और हताशा के कुछ नहीं दी है। भाजपा ने विकास की लकीर जहां तक खींची थी उसे भी मिटाने का काम इस निकम्मी सरकार ने किया है। दिशाहीन, नीति और नियत विहीन अवसरवादी सरकार, लूट, झूठ और भ्रष्टाचार की पर्याय बन चुकी है। इस सरकार ने गांव, गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, किसान, महिला, नौजवान सभी वर्गो के साथ छल किया है। झामुमो, कांग्रेस और राजद की महागठबंधन वाली यह सरकार महाठगबंधन सरकार साबित हुई है।

BJP News: राज्य संपोषित भ्रष्टाचार

राज्य संपोषित भ्रष्टाचार ने प्रदेश में रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह एक कर्मचारी से शुरू होकर अधिकारी, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचकर समाप्त होता है। आजाद भारत के इतिहास में पहला मौका है जब किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने नाम से खनन पट्टा लिया हो। मुख्यमंत्री ने केवल लूटा ही नहीं बल्कि लूटेरों की पूरी फौज खड़ी की है। ईडी की छापामारी में वरिष्ठ आईएस अधिकारी के करीबियों के यहां लगभग 20 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए। इडी की कार्रवाई में सीए, सीएम के विधायक प्रतिनिधि, प्रेस सलाहकार सहित सत्ता के बिचैलिए शामिल हैं। सीएम विधायक प्रतिनिधि जेल में कैद है।

सत्ता का संरक्षण ऐसा कि इन आरोपियों को जेल और अस्पताल मे भी वीवीआइपी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विधायक प्रतिनिधि तो जेल से ही अफसरों को आदेश दे रहे हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री द्वारा अपने विधायक प्रतिनिधि को पद से हटाने की बजाय ऐसे अपराधियों को बचाने के लिए राज्य सरकार वकीलों पर करोड़ो रुपए खर्च कर रही है।

पूरे राज्य में खान-खनिज, बालू, जमीन की लूट के साथ भ्रष्टाचार का अमिट काला अध्याय लिखा जा रहा है। बालू तस्करी से आम जनजीवन के लिए होने वाले निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए है। सरकारी योजनाओं, ठेका-टेंडर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ट्रांसफर-पोस्टिंग का उद्योग तेजी से फल फूल रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में लूट मची है। प्रखंड, अंचल, थाना से लेकर सचिवालय तक भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन चुका है। जेपीएससी की परीक्षायें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।

BJP News: परिवारवाद की नई परिभाषा गढ़ रही सरकार……….

हेमंत सरकार में परिवादवाद का नया चेहरा उजागर हुआ है। केवल राजनीतिक भागीदारी के लिए ही नहीं बल्कि लूट और भ्रष्टाचार में भी परिवारवाद शामिल हुआ है। सोरेन परिवार को दुमका में राजनीतिक विरासत के लिए परिवार से अलग कोई आदिवासी परिवार नहीं दिखता। वहीं भ्रष्टाचार में इस परिवार ने राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री अपनी कलम से खुद के नाम, पत्नी कल्पना सोरेन व भाई बसंत सोरेन के नाम खान-खनिज का आवंटन करते हैं। राज्य के जल, जंगल, जमीन को सोरेन परिवार अपनी जागीर समझ रहा है।

BJP News: आदिवासी, दलित, पिछड़ा, युवा, महिला, किसान, गरीब विरोधी सरकार………

आदिवासी व दलित विरोधी सरकार – झारखंड सरकार आदिवासी, दलित विरोधी है। सरकार के हाथ आदिवासियों और दलितों के खून से सने हैं। गठन के साथ चाईबासा में आदिवासियों का सामूहिक नरसंहार हुआ। सिद्धो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या, होनहार दारोगा रूपा तिर्की की हत्या, पशु तस्करों द्वारा संध्या टोपनो की हत्या, दलित नवयुवक संजू प्रधान की माॅब लिंचिंग, दलित देबू तुरी की पुलिस कस्टडी में हत्या सहित कई मामलों ने राज्य सरकार की आदिवासी एवं दलित विरोधी चेहरा उजागर किया है।

इस समाज की जमीन माफियाओं, दबंगों के द्वारा लूटी जा रही है। पलामू में 50 मुसहर परिवार को पैतृक भूमि से बेदखल किया गया। आदिवासी सीएम होने के बावजूद बलात्कार की शिकार पीड़ितों में सर्वाधिक आदिवासी और दलित समाज की बहन-बेटियां हैं।
हेमंत सरकार ने टीएसी के गठन को विवादित बना दिया। नगर निकाय चुनाव में मेयर सीट को आरक्षित करने में आदिवासी और दलित को लड़वाया।

आदिवासियों के लिए आरक्षित औद्यौगिक भूमि को सीएम ने अपनी पत्नी के नाम करवाने और सीएनटी, एसपीटी एक्ट का सबसे अधिक उल्लंघन कर सोरेन परिवार द्वारा गरीबों की जमीन हड़पने की उपलब्धि इनके नाम दर्ज हैै। मोदी सरकार द्वारा दो वित्तीय वर्ष में आदिवासी बहुल गांवों के विकास के लिए दिए गये 135 करोड़ रूपये में से मात्र 13 करोड़ खर्च करना आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। राज्य सरकार ने अब तक अनुसूचित जाति आयोग का गठन नही किया है।

पिछड़ा विरोधी सरकार- पिछडों की हितैषी बनने का नाटक करने वाली सरकार बुरी तरह बेनकाब हो चुकी है। पंचायत चुनाव के बाद अब निकाय चुनाव भी बिना पिछड़ों को आरक्षण दिए कराने की तैयारी चल रही है,ऐसा लगता है कि निकाय चुनाव कराने की मंशा नही है। राज्य सरकार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद पिछड़ों के आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए ट्रिपल टेस्ट कमिटी का गठन नहीं किया है साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन लंबित है। विशेष सत्र बुलाकर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाॅलीपाॅप महज दिखावा है।

युवा विरोधी- प्रत्येक वर्ष 5 लाख युवाओं को नौकरी देने के वायदों के अनुसार तीन साल में 15 लाख युवाओं को नौकरियां मिलती परंतु अब तक मात्र 357 लोगों को नौकरी देने की बात सरकार ने निर्लज्जता पूर्वक खुद स्वीकारी है। राज्य सरकार युवाओं को अंडा-मुर्गी पालने और ठेला लगाने की सलाह दे रही है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने में भी सरकार नाकाम रही है। केवल विज्ञापन का सब्जबाग दिखा कर युवाओं को भाषा और बाहरी-भीतरी के नाम पर लड़वा रही है। आज राज्य का बेरोजगारी दर 18 फीसदी के आंकडों के साथ देश में पांचवें स्थान पर है जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी अधिक है।

महिला विरोधी सरकार – आज राज्य में अपराधियों और दुराचारियों के निशाने पर सबसे अधिक महिलाएं, बहन, बेटियां हैं। सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओ से राज्य शर्मसार हो रहा है। दुमका का अंकिता प्रक्ररण, अरमान अंसारी द्वारा दुमका में आदिवासी नाबालिग लड़की के साथ रेप के बाद पेड़ से लटकाकर हत्या, रब्बानी अंसारी द्वारा धर्म छिपाकर नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ यौन शोषण कर कुएं में फेंकने का मामला, साहिबगंज में दिलदार अंसारी द्वारा पहाड़िया आदिवासी युवती रूबिका के 50 टुकड़े करने एवं पहचान छिपाने के लिए रूबिका की खाल तक उतारने के महिला उत्पीड़न के बहुचर्चित मामले ने राज्य को पूरे देश में कलंकित करने का काम किया। ऐसी दुखद घटनाओं पर मुख्यमंत्री का बयान कि घटनाएं तो होती रहती है, कहीं अधिक पीड़ादायक है। यह सरकार महिलाओं को न तो सुरक्षा दे पा रही है और न योजनाओं का लाभ।

किसान-गरीब विरोधी सरकार – सरकार की हठधर्मिता एवं अदूरदर्शिता के कारण अन्नदाता बदहाल हैं। सरकार की प्राथमिकता में गांव, गरीब और किसान कहीं नहीं है। भाजपा सरकार द्वारा चालू कृषि आशीर्वाद योजना के बंद होने एवं अकाल और सूखा की मार से किसान परेशान हैं। दो लाख रूपये तक का ऋण माफी के नाम पर वादाखिलाफी की गई। धान क्रय केन्द्र खोलने में लेट लतीफी के कारण बिचैलिये हावी हैं। कृषि और किसानों के विकास के लिए बनी योजनाएं फाइलों में ही दम तोड रही हैं।

एमएसपी पर दलहन की खरीद नहीं होने से किसानों को क्षति। कृषि फंड का सरकार उपयोग नहीं कर पाई है। मनरेगा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम रही है। राज्य के 4391 पंचायतों में से 1517 पंचायतों में जून 2022 तक खर्च शून्य रहा है। संथाल परगना के 1013 पंचायतों में से 369 पंचायतों में मनरेगा के तहत एक रुपये खर्च नही हुए। किसी भी जिले में 10 प्रतिशत लक्ष्य पूरा नही हुआ है। राज्य के 17 जिले ऐसे हैं जहां 3 प्रतिशत मजदूरों को भी 100 दिनों का रोजगार नहीं मिला है।

BJP News: दिग्भ्रमित सरकार, दिग्भ्रमित नीतियां…………

हेमन्त सरकार स्वयं दिग्भ्रमित है इसलिए जनता को भी अपनी नीतियों ,योजनाओं और कार्यक्रमों से दिग्भ्रमित कर रही है। इसकी न नियत साफ है और न नीति स्पष्ट है। नीतियों पर मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों के बयान विरोधाभाषी हैं। राज्य की सत्ता में बैठे लोग सदन और कैबिनेट के अंदर कुछ बोलते हैं तो बाहर कुछ और। जिसका खामियाजा राज्य की जनता भुगत रही है।

स्थानीय नीति और नियोजन नीति – भाजपा सदैव झारखंडी भावना के अनुरूप स्थानीय और नियोजन नीति बनाने की पक्षधर रही है। राज्य सरकार चाहती तो संकल्प जारी कर स्थानीय नीति एवम नियोजन नीति बना सकती थी। परंतु इसकी नीयत ही साफ नहीं है। जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए नौवीं अनुसूची का बहाना बना रही है।

अव्यवहारिक तौर पर लागू की गई नियोजन नीति 2021 को हाईकोर्ट ने रद्द कर युवा विरोधी हेमंत सरकार को आईना दिखा दिया है। आज राज्य में कोई नियोजन नीति नहीं है। राज्य में 90 हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। पारा शिक्षक, अनुबंध कर्मियों को राज्य सरकार ने केवल छलने का काम किया है। बिना नियोजन नीति के झारखंड में शिक्षा मंत्री द्वारा कॉन्ट्रैक्ट पर 50 हजार पारा शिक्षकों की बहाली की घोषणा बेतूका है। जेपीएसी की परीक्षाओं के परिणाम ने कट ऑफ मार्क्स पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अनुबंधकर्मियों के स्थायीकरण में भी सरकार की नीयत साफ नहीं है।

उत्पाद नीति- राज्य की उत्पाद नीति में सरकार स्वयं बैक फुट में है। अपने चहेते कम्पनी को शराब का ठेका देने के लिए नियम-कानून को ढेंगा दिखाकर भारी गड़बड़ी की गई। इससे राज्य को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के द्वारा राजस्व की गारंटी लिए जाने के सुझाव को खारिज कर बिना गारंटी लिए अपने चहेते को काम दिया। विभिन्न कम्पनियों को बिना बैंक गारंटी लिए हुए पुनः ठेके का काम कई जिलों में दिया गया, जो समझ से परे है।

उत्पाद विभाग में भारी घोटाले के कारण नवम्बर माह तक ही लक्ष्य से लगभग 600 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान राज्य को हुआ है। नई नीति लागू होने के बाद से प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री कर हर माह 70 करोड़ की अवैध कमाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त सरकार खेल नीति, पर्यटन नीति, उद्योग नीति को स्पष्ट तौर पर बनाने और लागू करने में विफल साबित हुई है।

BJP News: तुष्टिकरण और माॅब लिंचिंग नीति में अव्वल-

झारखंड सरकार जनहित की नीतियों को लागू कराने में भले ही विफल रही है परंतु वोट बैंक की खातिर तुष्टिकरण, माॅब लिंचिंग और लव जिहाद को बढ़ावा देने की नीति में सफल रही है। सरकार के हर निर्णय पर तुष्टिकरण की छाप होती है। संथाल में बांग्लादेशी रोहिंग्यों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पाकुड़ और साहिबगंज इसका केन्द्र बना हुआ है। अंसार-उल-बांग्ला और प्रतिबंधित पीएफआई संगठन इस इलाके में सक्रिय है।

घुसपैठिए जनजातीय बच्चियों से जबरन शादी कर रहे हैं और उसके बाद उनकी जमीन हड़प रहे हैं। लड़कियों को जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है। आदिवासी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में आदिवासियों के साथ यह खिलवाड़ शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएफआई से जुड़े लोगों ने आदिवासी लड़कियों से शादी करके संथाल परगना में लगभग 10 हजार एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी है। इस इलाके की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। सरकार की तुष्टीकरण नीति के कारण लव जिहाद के मामले में भी वृद्धि हुई है।

विधानसभा में नमाज कक्ष का आवंटन को रद्द नही करना तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। सरकार का उर्दू प्रेम किसी से छिपा नही है। धर्म विशेष द्वारा विद्यालयों में रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी, प्रार्थना पद्धति बदलने, स्कूल के नाम के आगे उर्दू शब्द जोड़ने, अल्पसंख्यक समुदायों के द्वारा 50 महादलित परिवार का घर तोड़े जाने, मेन रोड हिंसा आदि मामले में सरकार का रवैया किसी से छिपा नहीं है। रांची मेन रोड हिंसा मामले में हाईकोर्ट को कहना पड़ा कि क्यों ना मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।

रूपेश पांडेय, संजू प्रधान का मामला, माॅब लिंचिंग में भी तुष्टिकरण का प्रमाण है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विपरीत यह सरकार बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठियों के समर्थन में खड़ी है। राज्य में लोभ-लालच के सहारे धर्मांतरण की गतिविधियां बढ़ी हैं। राज्य में गो-तस्करों का नया आतंक दिख रहा है। इसकी शिकार राज्य की तेज-तर्रार दारोगा संध्या टोपनो हो चुकी है। गो-तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने संबंधित सीएम का बयान सरकार की मंशा बतलाने के लिए पर्याप्त है।

BJP News: ध्वस्त विधि-व्यवस्था, विरोधियों की हत्या एवं प्रताड़ना, अपराधियों का संरक्षण………

झारखंड में विधि-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। विकास की बजाय हत्या, लूट, बलात्कार, साम्प्रदायिक हिंसा में प्रदेश अव्वल है। राजधानी में अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े गोलियां बरसाई जा रही हैं। राज्य अराजकता की राह पर है। राज्य में आदिवासियों का नरसंहार हुआ, दलितों की हत्यायें व शोषण की घटनाएं हुई। लगातार भाजपा एवं हिन्दुवादी नेताओं को टारगेट कर हमला किया जा रहा है और उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। अपराधी पकड़े नहीं जा रहे हैं।

महिलाओं का उत्पीड़न व बलात्कार की लगातार बढ़ती घटनाओं ने सरकार की अकर्मण्यता को उजागर किया। 5000 से अधिक बलात्कार के मामले, 5258 हत्या, 28234 चोरी, 1978 डकैती, 4485 अपहरण के मामले सरकार के प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलती है। राज्य में अपराधी बेखौफ हैं। चाहे माॅब लिंचिंग हो, राजनीतिक हत्या हो, आम-खास की हत्या हो, नक्सल हत्या हो या कोई भी उग्रवादी या आपराधिक घटनाएं, जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जेल से रंगदारी मांगी जा रही है। इस सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल 178,351 अपराध सरकारी आंकड़ों में दर्ज हैं। वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में राज्य सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है।

राज्य में भाजपा नेताओं की टार्गेटेड हत्या हो रही है। अब तक काशीनाथ महतो, जयवर्धन सिंह, प्रकाश यादव, रघुनाथ राम, सतीश सिंह, जीतराम मुंडा, गणेश दास ,सुमित श्रीवास्तव, रूपेश सोनी, सूरज सिंह, कमलदेव गिरी, सुमित केशरी, सुनील गुप्ता सहित सैकड़ों कार्यकर्ता की हत्या हो चुकी है। पूर्व विधायक गुरुचरण नायक, रामसिंह मुंडा जैसे भाजपा कार्यकर्ता हमले में बाल बाल बचे। सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने पर सैकड़ों कार्यकर्ता पर फर्जी मुकदमे दर्ज हुए। आज सरकार के संरक्षण में अपराधी जेल से भी अपराध करने में सफल हैं।

ध्वस्त बुनियादी सुविधाएं…..

स्वास्थ्य व्यवस्था लचर-’ राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। ना पर्याप्त अस्पताल हैं ना पर्याप्त डाॅक्टर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों सीएचसी में स्पेशलिस्ट डाॅक्टर के 73 फीसदी पद खाली हैं। उच्च न्यायालय ने रिम्स की बदहाल व्यवस्था पर कई बार सख्त टिप्पणी की है। भाजपा सरकार में प्रारंभ 108 एम्बुलेंस सेवा बंद होने की कगार पर है। मरीजों को खून के लिए 6000 रूपए चुकाने पड़ते हैं, महिलाओं से इलाज के नाम पर कान की बाली तक घूस में ली जा रही है।

सीएम के क्षेत्र में इलाज के अभाव में गर्भवती की मौत हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में अस्पताल सुविधा विहीन है। एक रूपये का स्लाइड खरीद नहीं होने के कारण रिम्स में कैंसर के मरीजों की जांच बंद है। आयुष्मान भारत योजना में लूट मची है। बिना ऑपेरशन के पैसे निकाल लिए जा रहे हैं। वही दूसरी ओर भुगतान के अभाव में प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को भर्ती नही ले रहे हैं।

राज्य में बिजली व्यवस्था ध्वस्त है- राज्य के लोगो को 24 घंटे में से सिर्फ 8 घंटे ही बिजली मिल रही है। गाँव-देहात की कौन पूछे राज्य की राजधानी रांची की भी बिजली व्यवस्था लचर है। अंडरग्राउंड केबलिंग कार्य मे राज्य सरकार विफल है। एक ट्रांसफॉर्मर बदलने में महीनों लग जा रहे हैं। आवासीय क्षेत्र में घरों से ऊपर गुजरने वाले हाई वोल्टेज तारों से लोगों की जान जा रही है। ध्वस्त बिजली व्यवस्था के कारण सहयोगी पार्टी के विधायक ही ग्रिड तक तोड़ने की धमकी देते है। 100 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली देने की घोषणा का वादा कर सत्ता में आई सरकार अब किसानों के ऊपर मुकदमे दर्ज कर रही है।किसानों के बिजली कनेक्शन बिल बकाए के नाम पर काटे जा रहे हैं।

BJP

पेयजल पर सरकार गंभीर नहीं है- केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना हर घर नल से जल को तेजी से धरातल पर नहीं उतारने के कारण राज्य में आज भी लोग लाल पानी पीने को विवश हैं। डैम एवं पेयजल स्रोत भी प्रदुषण के शिकार हो रहे हैं। जल संचयन की दिशा में ठोस पहल नही होने के कारण राज्य का भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।

बदहाल शिक्षा- 3 वर्षों में कक्षा 1 से लेकर 12 तक में 5 लाख विद्यार्थी बढ़ गए जबकि 4000 शिक्षक कम। राष्ट्रीय औसत 26 विद्यार्थी पर 1 शिक्षक का तो झारखंड में 55 विद्यार्थी पर एक शिक्षक हैं। सरकार द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। राज्यस्तरीय खेलो प्रतियोगिता में अनियमितता से राज्य की किरकिरी हुई। 6000 से अधिक विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे हैं। अधिकांश हाई स्कूल में पांच मुख्य विषयों के शिक्षक तक नहीं हैं। संताल परगना में हेडमास्टर बिना ही 8602 स्कूल चल रहे हैं। सीएम के जिले में एक भी स्कूल में हेडमास्टर नहीं हैं। अव्यवस्था के कारण बच्चे पोशाक, साईकिल, स्वेटर और छात्रवृति से वंचित हैं। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर सरकार निष्क्रिय है।

सड़क- झारखंड में सड़कों की स्थिति दयनीय हो गयी है। राजधानी की सड़कें भी जर्जर और गड्ढों से भरी पड़ी है। पीएमजीएसवाई का हाल बुरा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केंद्र द्वारा दिए गए लक्ष्य को 119 किमी खुद ही कम कर दिया।

सिंचाई- हेमंत सरकार को सिंचाई एवं जल संचय में कोई रूचि ही नहीं है और न ही इनकी प्राथमिकता में किसान एवं कृषि के लिए सिंचाई उपलब्ध कराना है। भाजपा सरकार के समय जो सिंचाई बजट राज्य का लगभग 25 सौ करोड़ रुपये वार्षिक था, उसे हेमंत सरकार ने घटाकर लगभग आज आधा यानि 14 सौ करोड़ रुपये कर दिया है। कई सिंचाई परियोजनायें शिथिल पड़ी है या बंद है।

वित्तीय कुप्रबंधन और विकास कार्य ठप्प…..

हेमंत सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण झारखंड के चालू वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 57259 करोड़ के योजना बजट में से 25305 करोड़ यानि मात्र 44 प्रतिशत राशि ही खर्च हुए हैं। राज्य सरकार पैसे का रोना रोती है जबकि खजाने में हजारो करोड़ रुपये पड़े हैं। सरकार की मंशा जनता की सेवा करने की नहीं है बल्कि कमीशन खोरी को बढावा देकर बिचैलियों एवं दलालों को लाभ पहुंचाने की है।

संवैधानिक संस्थाओं पर हमला …..

सरकार को संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ काम करने में महारत हासिल है। राज्यपाल के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया गया। देश के इतिहास का यह पहला मामला है। सीएम के प्रतिनिधि ईडी के खिलाफ कोर्ट गए। चोरी और सीनाजोरी का इससे अनूठा उदाहरण शायद दूसरा नहीं होगा।

सदन से पास होने के बावजूद उत्पाद नीति की फाईल राज्यपाल को नहीं भेजी गई। राज्य सरकार द्वारा झारखंड उत्पाद विधेयक 2022 पर राज्यपाल की आपत्ति को खारिज कर बिना संशोधन सदन में पेश करने की तैयारी है। इसके अलावा सरकार द्वारा टीएसी के गठन में माननीय राज्यपाल के अधिकारों का हनन, अदालत और चुनाव आयोग के कई निर्देशों की अवमानना भी की जा चुकी है। राज्य में नेता प्रतिपक्ष का मामला राजनीतिक विद्वेष का शिकार हो चुका है। आज सूचना आयोग, लोकायुक्त, महिला आयोग जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद नेता प्रतिपक्ष के अभाव में रिक्त पड़े हैं।

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केन्द्रीय योजनाओं को अटकाना, भटकाना और लटकाना…..

केन्द्र सरकार मुक्त हस्त से झारखंड को मदद कर रही है बावजूद प्रदेश सरकार केन्द्रीय योजनाओं को लेकर लापरवाही बरत रही है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर में पाइप लाइन से जल पहुंचाने की योजना का हश्र काफी बुरा है। 2024 तक लगभग 60 लाख घरों में नल से जल पहुंचाना लक्ष्य है। अभी तक प्रगति कुछ जिलों में सिर्फ 17 प्रतिशत एवं कई जिलों में 7 से 10 प्रतिशत, जो राष्ट्रीय औसत से 26 प्रतिशत पीछे चल रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का बहुत बुरा हाल है। संताल में 50 फीसदी पीएम आवास भी पूरा नहीं हुआ है। आयुष्मान भारत योजना पर राज्य में ग्रहण लगता जा रहा है। आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में झारखंड में लूट मची है। स्मार्ट सिटी योजना का भी हाल बुरा है।

BJP News: राज्य सरकार की अदूरदर्शी सोच, अटपटी योजनायें…

झारखंड सरकार की अदूरदर्शिता के कारण उनकी अधिकांशतः महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरूआती समय में ही फिसड्डी साबित हुई है। सबसे बड़ा उदाहरण पेट्रोल सब्सिडी योजना है। यह योजना पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है। बिरसा हरित ग्राम योजना दम तोड़ रही है। दो माह पूर्व ही धरातल पर आई सावित्री बाई फूले योजना में छात्राओं से 5000 रूपये तक की वसूली हो रही है। सोना सोबरन धोती, साड़ी, लुंगी योजना का भी वहीं हश्र है।

इसमें खुलेआम भ्रष्टाचार हावी है। आयुष्मान योजना का नाम बदलकर राज्य सरकार ने इसका क्या हाल बना रखा है, यह किसी से छुपा नहीं है। मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केवल नाममात्र का बनकर रह गया है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, झारखंड एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना, मुख्यमंत्री सारथी योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना असफल है और केवल लूट एवं भ्रष्टाचार का माध्यम बन गये हैं।

BJP News: कांग्रेस पार्टी दोहरा रही इतिहास, सत्ता सुख में दोहरा चरित्र उजागर…..

राज्य की सत्ताधारी गठबंधन की मुख्य घटक दल कांग्रेस पार्टी अपने इतिहास को ही दोहरा रही। जनता जानती है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी भी है और उसकी पोषक भी। आजाद भारत में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और घोटालों का रिकॉर्ड बनाया है। झारखंड में भी कांग्रेस जब-जब सत्ता की सहभागी बनी, अपने इतिहास को दोहराया।

राज्य के जल, जंगल जमीन को लुटवाने में कांग्रेस पूरी तरह भागीदार है। तभी तो मुख्यमंत्री सहित उनके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों, आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले उजागर होने पर पार्टी ने विरोध का एक बयान तक देना उचित नहीं समझा, उल्टे सड़कों पर भ्रष्टाचारियों के समर्थन में प्रदर्शन करने लगे। सत्ता के बिना कांग्रेस बिन पानी मछली की तरह तड़पती रहती है। इसलिए अवसर आते ही कांग्रेस पार्टी सत्ता सुख में डूब चुकी है। अपने ध्वस्त होते जनाधार से कांग्रेस विचलित है।

इसलिए सरकार की जनविरोधी नीतियों का कभी विरोध, कभी समर्थन, कभी बदलाव की मांग करती है। कांग्रेस तुष्टिकरण की प्रतियोगिता कर रही। जन भावनाओं और राज्य के विकास की चिंता से दूर कांग्रेस अधिक से अधिक सत्ता में भागीदारी के लिए चिंतित है।
एक तरफ राज्य सरकार लूट झूट और भ्रष्टाचार में शामिल है वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुखिया अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए ख़ातियानी जोहार यात्रा का ढोंग कर रहे है लेकिन जनता इसे भली भांति समझ रही है।आम जनता की सहभागिता इस यात्रा में नही के बराबर है। इस यात्रा में करोड़ों रुपए राज्य सरकार के खजाने से पानी की तरह बहाए जा रहे है।जन विरोध का आलम यह है कि भीड़ जुटाने के नाम पर सरकारी स्कूल के बच्चों से सरकार के पक्ष में नारे बाजी कराए जा रहे हैं।

यह कार्यसमिति बाबा बैधनाथ की पवित्र धरती से माननीय प्रधानमंत्री जी का झारखण्ड के लिए लगातार दिए जा रहे स्नेह प्यार सहयोग का हृदय से आभार प्रकट करती है,वही दूसरी ओर जनता के समर्थन से भ्रष्ट निकम्मी हेमंत सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से उखाड़ फेंकने के लिए जनआंदोलन करने का आह्वान करती है। भाजपा का गुड गर्वनेंस के लिए आम जनता से सीधा कमिटमेंट है।

झारखंड सरकार के जनविरोधी निर्णयों, तुष्टिकरण और असंवैधानिक कदमों का भाजपा अनेक आंदोलनों के माध्यम से प्रबल विरोध करती रही है। इस सरकार से जनता पूरी तरह उब चुकी है। झारखंड की जनता भारतीय जनता पार्टी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति पर प्रतिबद्धता दोहराते हुए राज्य की 3.50 करोड़ जनता के हित में सड़क से सदन तक निरंतर संघर्ष करने तथा जनता के भावनाओं की अभिव्यक्ति बनने का पुनः संकल्प लेती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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